हरियाणा की भाजपा सरकार मंदिरों की देखभाल के लिए लाएगी नया कानून !

इस कानून के अनुसार जिन गांवों में हिन्दुओं की जनसंख्या २० प्रतिशत से कम होगी, उन गांवों के मंदिरों का दायित्व सरकार अपने हाथ में लेगी ।

Sabarimala Temple : शबरीमला मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड के व्यवस्थापन हेतु मार्गदर्शक तत्त्व निश्चित !

केरल उच्च न्यायालय ने स्वयं हस्तक्षेप कर की कार्यवाही

तमिलनाडु की द्रमुक सरकार का मंदिरों का ‘स्थलपुराण’ बदलने का हिन्दूद्वेषी निर्णय !

‘स्थलपुराण’ यह संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ ‘प्रादेशिक इतिहास’ होता है । किसी एक परिसर, मंदिर अथवा क्षेत्र की ऐतिहासिक और धार्मिक जानकारी इनकी जानकारी होती है ।

ASI Temples : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के नियंत्रण वाले सहस्रों मंदिरों में पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाए !

संसदीय समिति ने भेजी केंद्र सरकार को अधिसूचना

Shri Ram Mandir : अयोध्या के श्रीराममंदिर में पूजा करने हेतु २४ पुजारियों का प्रशिक्षण आरंभ !

६ दिसंबर को आरंभ प्रशिक्षण ६ माह चलेगा  !
पहले ही दिन प्रशिक्षणार्थियों ने विविध संतों एवं प्रमुख आचार्य द्वारा ग्रहण की दीक्षा !

कालानुरूप अपेक्षित ऐसे प्रचारमाध्यमों का प्रयोग कर मंदिरों द्वारा उनके विषय समाज तक पहुंचने चाहिएं ! – श्री. नीलेश खरे, संपादक, ‘जी २४ तास’

अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने के लिए हमने तीर्थयात्रा, मेलों के वृत्त चैनल पर कैसे प्रसारित कर सकेंगे ‘, इसका विचार कर इसका वृत्त देने का प्रयास किया ।

Advocate Vishnu Jain : काशी-मथुरा मुक्त कर पुनः सनातन धर्म को सौंपने का समय आ गया है ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, सर्वोच्च न्यायालय

ओजर में आयोजित ‘महाराष्ट्र मंदिर-न्यास परिषद’ में उपस्थित मंदिरों के न्यासियों को मंदिरों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आवाहन करते समय ऐसा बोल रहे थे ।

धर्म, भक्त एवं देवताओं का हित ध्यान में लेकर मंदिरों का व्यवस्थापन करें !

‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !

२६४ मंदिरों में लागू होगी वस्‍त्र संहिता, महाराष्ट्र के १६ जिलों में होगा ’जिला मंदिर न्‍यास सम्‍मेलन’ !

यहां आयोजित ’महाराष्ट्र मंदिर न्‍यास परिषद’ का समापन ३ दिसंबर को हुआ । ‘महाराष्ट्र मंदिर न्‍यास परिषद’ में समान कृति कार्यक्रम निश्‍चित !

अमेरिका के हवाई द्वीप पर निर्माण किया गया ग्रैनाइट का भव्य हिन्दू मंदिर !

यह मंदिर दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों के समान निर्माण किया गया है । इस मंदिर के मुख्य देवता के रूप में शिवलिंग स्थापित किया गया है ।