Sabarimala Temple : शबरीमला मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड के व्यवस्थापन हेतु मार्गदर्शक तत्त्व निश्चित !

केरल उच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लेकर की कार्यवाही

थिरूवनंतपुरम् – केरल उच्च न्यायालय ने मंडला-मकरविलक्कू उत्सव के कालखंड में शबरीमला मंदिर में आनेवाले श्रद्धालुओं की भीड का व्यवस्थापन करने के लिए मार्गदर्शक तत्त्व निश्चित किए हैं । न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन् और न्यायमूर्ति जी. गिरीश के खंडपिठ ने इस विषय में निर्देश जारी किए हैं । इस उत्सव के समय होनेवाली भीड और उसके व्यवस्थापन के संदर्भ में न्यायालय ने स्वयं हस्तक्षेप किया ।

न्यायालय के कुछ मार्गदर्शक तत्त्व !

१. मुख्य पुलिस समन्वयक श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेंगे और पथिनेत्तमपाडी मार्ग से आनेवाले यात्रियों की यातयात का नियमन करेंगे तथा पथिनेत्तमपाडी मार्ग से अधिकाधिक श्रद्धालुओं के लिए दर्शन सुनिश्चित करेंगे ।

२. महिला, छोटे बच्चे और विकलांग व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष पंक्तियों का नियोजन किया जाएगा ।

३. त्रावणकोर देवस्वम् बोर्ड के ७२ कर्मचारियों का प्रबंध कर पंक्तियों का परिसर और यात्रियों के निवासस्थानों की स्वच्छता सुनिश्चित करेंगे । कार्यकारी दंडाधिकारी स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पंक्तियों के परिसर तथा यात्रियों के निवासस्थानों की जांच करेंगे ।

४. त्रावणकोर देवस्वम् बोर्ड वाहन व्यवस्थित खडे करने के लिए वाहन अड्डे के क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा कर्मचारी तैनात करेगा ।

संपादकीय भूमिका 

हिन्दुओं के मंदिरों की प्रथा-परंपराएं बंद करने तथा वहां के अर्पण धन पर डाका डालने के लिए अग्रसर केरल की साम्यवादी सरकार हिन्दुओं के मंदिरों में हुई भीड का व्यवस्थापन करने की उपेक्षा करती है, यह समझ लें ! न्यायालय को इस विषय में निर्देश देने पडते हैं, यह सरकार के लिए लज्जाजनक !