सर्वधर्मीय कश्मीरियों पर हुए अत्याचार पर आधारित ‘द अनटोल्ड कश्मीर फाइल’ वीडियो प्रसारित !

‘द कश्मीर फाइल्स’ केवल हिन्दुओं के विरुद्ध अत्याचार पर प्रकाश डालती है ! इसके कारण कश्मीरी मुसलमानों में बढी अस्वस्थता !

कश्मीरी मुसलमान भी जिहादी आतंकवाद के शिकार हुए ! यह संदेश देने का प्रयास !

  • ऐसा होते हुए भी, ‘कितने कश्मीरी मुसलमानों ने इस जिहादी आतंकवाद के विरोध में आवाज उठाई है ? भारतीय सेना के जवानों पर पत्थर फेंकने वाले हिंसक जिहादियों एवं राष्ट्र विरोधी घोषणाएं देने वालों को कितने लोगों ने परावृत्त किया ? कितने लोगों ने सरकार से कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं के पुनर्वास की मांग की ?’, इसका उत्तर भारत के देशवासियों को मिलना चाहिए ! – संपादक
  • चलचित्र ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के उपरांत यह अपेक्षा थी कि, युवा कश्मीरी मुसलमान ‘हमारे पूर्वजों द्वारा की गई चूकों’ को स्वीकार कर, विस्थापित हिन्दुओं को कश्मीर घाटी में पुन: बसाने की मांग करेंगे । किन्तु, चलचित्र प्रदर्शित होने के एक मास के उपरांत भी दर्शकों की भीड तो उमडी, किन्तु मुसलमानों ने अभी तक ऐसी कोई मांग नहीं की ; ऐसा क्यों ! – संपादक
  • ध्यान रहे, इस प्रकार का चलचित्र बनाने से कश्मीरी हिन्दुओं पर किए गए निर्मम अत्याचारों की भीषणता कम नहीं होगी ! – संपादक

नई देहली – जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ५८ मिनट का एक वीडियो, ‘द अनटोल्ड कश्मीर फाइल’ नाम से जारी किया है । इसमें दिखाया गया है कि, आतंकवाद की आंच कैसे सर्वधर्मीय कश्मीरी लोगों तक पहुंची । ४ अप्रैल को कश्मीर घाटी में कश्मीरी हिन्दुओं और प्रवासियों पर आक्रमण हुए थे । पुलिस ने इसी पार्श्वभूमि पर सुरक्षा की दृष्टि से यह वीडियो प्रसारित किया है ।

सौजन्य इंडिया अहेड

 

चलचित्र ‘द अनटोल्ड कश्मीर फाइल’, बहुचर्चित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की पृष्ठभूमि पर आधारित है । जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, वीडियो में शोक संतप्त कश्मीरियों के चित्र प्रदर्शित किए गए हैं । अब तक कश्मीर में आतंकवादियों के आक्रमणों में  २०,००० से अधिक लोग प्राण गवा चुके हैं ।

(कहते हैं) ‘यह चलचित्र कश्मीरियों के बीच विश्वास निर्माण करने का प्रयास है !’ – कश्मीर के एक प्रशासनिक अधिकारी

ऐसे वीडियो दिखाने से कुछ नहीं होगा । जब धर्मांध कट्टरपंथी जिहादी वृत्ति का त्याग करेंगे, तभी कश्मीर में आपसी विश्वास कायम होगा ; यही सत्य है ! – संपादक

जम्मू-कश्मीर के एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि, “फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ में एक विशिष्ट कथानक ही दिखाया गया है । जिसके कारण, कश्मीर घाटी में यह समस्याएं आ रही हैं । यहां सभी लोग राष्ट्रीय समाचार वाहिनियों को देखते हैं, इसलिए, इस फिल्म से यहां अस्वस्थता बढ रही है । वास्तव में ‘इंटरनेशनल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (आईएफएटीएफ) ने आतंकवाद को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के संदेह में अब पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया है और उससे स्पष्टीकरण की मांग की है । इसके फलस्वरूप, कश्मीर में पाकिस्तान का हस्तक्षेप वर्तमान में अपेक्षाकृत कम है । कश्मीरी लोगों के व्रणों का शमन करने के लिए यह योग्य समय था, किन्तु ‘द कश्मीर फाइल्स’ प्रदर्शित होने के कारण, वीडियो ‘द अनटोल्ड कश्मीर फाइल’ प्रदर्शित कर कश्मीरी लोगों के बीच विश्वास निर्माण करने का प्रयत्न किया गया है ।”