नई दिल्ली – इस्लामिक सहकार्य संगठन को (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन को) किसी भी एक देश के(पाक के) निर्देश पर स्वयं की धार्मिक नीति फैलाना रोकना चाहिए । जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है, ऐसे शब्दों में भारत ने इस संगठन को फटकार लगाई है । इस संगठन ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा और लोकसभा चुनाव क्षेत्रों की पुनर्रचना के विषय में ट्वीट कर ‘पुनर्रचना की प्रक्रिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का और चौथे जेनेवा समझौते सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून का सीधे उल्लंघन है’, ऐसी टिप्पणी की थी । इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विरोध प्रकट करते हुए उपरोक्त शब्दों में फटकार लगाई । केंद्रीय आयोग ने मई माह के आरंभ में ही पुनर्रचना के विषय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की थी ।
India slams OIC for ‘unwarranted’ comments on delimitation exercise in J&K https://t.co/jHsiniyXCy
— TOI India (@TOIIndiaNews) May 16, 2022
इस संगठन ने अप्रैल माह में ही इस्लामाबाद में इस्लामी देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हुरियत कॉन्फरेन्स के अध्यक्ष को बुलाया था । भारत ने इस पर तीव्र विरोध भी प्रकट किया था । इसके पहले इस संगठन ने जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन होने का आरोप भी लगाया था । इस संबंध में संगठन की बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया गया । ‘कश्मीर का हल निकाले बिना शाश्वत शांति स्थापित नहीं होगी’, ऐसा संगठन ने कहा था । ‘यह प्रस्ताव निराधार है’ ऐसा कहते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने सभी आरोपों को नकार दिया है ।