आज ही ‘डाउनलोड’ करें, सनातन के ग्रंथ ‘ई-बुक’ स्वरूप में !

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आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियों के निरोगी रहें !

बाढ, विश्वयुद्ध आदि आपदाओं में डॉक्टर, औषधि आदि की अनुपलब्धता की स्थिति में तथा सामान्यत: भी उपयुक्त !

बच्चों के लालन-पालन से संबंधित चुनौतियों का सामना करने में तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सनातन के नए ग्रंथ सहायक सिद्ध होंगे ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

कतरास (झारखंड) यहा सनातन के ‘आदर्श अभिभावक कैसे बनें ?’ इस ग्रंथ का लोकार्पण

हिन्दू संस्कार एवं परंपरा

उत्सव एवं व्रतों का क्या महत्त्व है ?, उत्सव में अनुचित प्रकार रोकने हेतु क्या करें ?, चातुर्मास (चौमासे) में अधिक व्रत क्यों होते हैं ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये ग्रंथ ‘धार्मिक उत्सव एवं व्रतों का अध्यात्मशास्त्र’

भैयादूज के निमित्त बहन को उपहार के रूप में चिरंतन ज्ञानामृत से युक्त सनातन संस्था के ग्रंथ भेंट कर, साथ ही राष्ट्र-धर्म के प्रति गौरव बढानेवाले ‘सनातन प्रभात’ का सदस्य बनाकर अनोखा उपहार दीजिए ! 

भैयादूज के दिन बहन को अशाश्वत भेंटवस्तुएं देने की अपेक्षा चिरंतन ज्ञान का प्रसार करनेवाले सनातन की ग्रंथसंपदा के ग्रंथ उपहार के रूप में दिए जा सकते हैं, उसी प्रकार बहन को ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक का पाठक भी बनाया जा सकता है ।

अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन एवं उपासना

श्रीराम की विशेषताएं क्या हैैं ?, रामायण के कुछ प्रसंगों का भावार्थ क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये : ‘श्रीराम (लघुग्रन्थ)’

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जो भी सनातन के दिव्य ग्रंथों का अनुवाद मराठी/हिन्दी/अंग्रेजी से गुजराती/कन्नड/मलयालम/तमिल/तेलुगु तथा मराठी से अंग्रेजी में करने के इच्छुक हैं, कृपया संपर्क करें ।

ग्रन्थमाला ‘देवताओं की उपासना’

नवरात्रि में घटस्थापना करने का क्या महत्त्व है ?, कुमकुमार्चन का शास्त्रोक्त आधार क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ “देवीपूजन से सम्बन्धित कृत्योंका अध्यात्मशास्त्र”

सनातन के ‘अन्त्येष्टी एवं श्राद्ध’ ग्रन्थमाला के ग्रन्थ

श्राद्ध से पूर्वजों को गति मिलने की प्रक्रिया क्या है ? श्राद्ध द्वारा हमारी पितृदोष से रक्षा कैसे होती है ? ऐसे प्रश्नोंके उत्तर जानकर लेने के लिए पढिए ग्रंथ ‘श्राद्धका महत्त्व एवं अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन’

विजेता छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के लिए प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें से संपर्क करें !

विद्यालयीन अथवा महाविद्यालयीन वर्ष के आरंभ में ही छात्रों को सनातन के ग्रंथ पुरस्कार स्वरूप देने के संदर्भ में विनती पत्र प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्याें को देने का नियोजन करें ।