धर्म एवं राष्ट्र की हो रही हानि को रोकने हेतु जागृति करनेवाले ग्रंथ

धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के कारण हो रही भारत की अधोगति रोकने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता प्रतिपादित करनेवाला एवं धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था का महत्त्व विशद करनेवाला ग्रंथ – ‘हिन्दू राष्ट्र क्यों आवश्यक है ?’

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी संबंधी ग्रंथमाला

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीकी गुरुसे हुई भेंट एवं उनका गुरुसे सीखना’ इस ग्रंथ मे पढिये सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजीके प्रथम ग्रन्थ ‘अध्यात्मशास्त्र’ से अधिक चैतन्य प्रक्षेपित होता है, यह दर्शानेवाला वैज्ञानिक परीक्षण

घोर आपातकाल का आरंभ होने से पूर्व सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के संकलित ग्रंथ शीघ्र ही प्रकाशित होने के लिए साधकों की आवश्यकता !

ग्रंथमालाएं अधिक वेग से होने के लिए अनेक लोगों की सहायता की आवश्यकता है । अपनी रुचि एवं क्षमता के अनुसार ग्रंथ-निर्मिति की सेवा में सहभागी होकर इस स्वर्णिम अवसर का अधिकाधिक लाभ लें !

पिछले एक वर्ष में सनातन की विभिन्न भाषाओं में ३४ नए ग्रंथों का प्रकाशन तथा २५४ ग्रंथ-लघुग्रंथों का पुनर्मुद्रण !

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए घोर आपातकाल आरंभ होने से पूर्व ही ‘ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार करना’ आज के समय की श्रेष्ठ साधना है !’, ये सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी के उद्गार हैं ।

ग्रंथमाला : हिन्दू राष्ट्र-स्थापना

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में सम्मिलित हों !

आध्यात्मिक पीडाओंके निवारण हेतु उपयुक्त सनातनका ग्रन्थ !

किसी व्यक्ति की कुदृष्टि उतारने से उसे कौनसे लाभ होते हैं ?