आध्यात्मिक पीडाओंके निवारण हेतु उपयुक्त सनातनका ग्रन्थ !
किसी व्यक्ति की कुदृष्टि उतारने से उसे कौनसे लाभ होते हैं ?
मेक्सिको के ‘ग्वादालाहारा अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले’ में सनातन के ग्रंथों का प्रदर्शन !
ग्वादालाहारा (मेक्सिको) के वर्ष २०२१ में ‘ग्वादालाहारा अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले’ में सनातन के ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई थी । भारत शासन के ‘राष्ट्रीय पुस्तक न्यास’ की ओर से यह ग्रंथ अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले के लिए भेजे गए थे ।
सनातन की ‘योगतज्ञ दादाजी का चरित्र एवं सीख’ ग्रन्थमाला का प्रथम ग्रंथ
ऋषि-मुनियों समान तपस्या, सर्वज्ञता, लीलासामर्थ्य इत्यादि गुण विशेषताओं से युक्त अद्वितीय व्यक्तित्व अर्थात कुछ वर्ष पूर्व इस भूतल को अपने अस्तित्व से पावन करनेवाले योगतज्ञ दादाजी !
घोर आपातकाल आरंभ होने से पूर्व सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा संकलित लगभग दो हजार से अधिक ग्रंथ शीघ्र प्रकाशित करने के लिए साधकों की आवश्यकता !
हिन्दू राष्ट्र कई हजार वर्ष टिकेगा; परंतु ग्रंथों का ज्ञान अनंत काल टिकनेवाला है । इसलिए जैसे हिन्दू राष्ट्र शीघ्र आना आवश्यक है, उतनी ही शीघ्रता, अपातकाल और तीसरे विश्वयुद्ध के आरंभ होने से पहले ग्रंथ प्रकाशित करने की है ।