युवको, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चैतन्यदायी ग्रंथकार्य का ध्वज ऊंचा रखने हेतु ग्रंथ-निर्मिति के कार्य में सम्मिलित हों !

ग्रंथसेवा के अंतर्गत संकलन, भाषांतर, संरचना, मुखपृष्ठ-निर्मिति इत्यादि विभिन्न सेवाओं में सम्मिलित होने के इच्छुक युवक अपनी जानकारी सनातन के जिलासेवकों के माध्यम से भेजें ।

दत्तात्रेय देवता की उपासना का शास्त्र बतानेवाला सनातन का ग्रंथ !

दत्त जयंती का महत्त्व, दत्त द्वारा धारण की गई विविध वस्तुएं, पितृदोष दूर करने हेतु दत्त के नामजप का महत्त्व ये सब जानकर लेने के लिए अवश्य पढे ग्रंथ “भगवान दत्तात्रेय”

विवाह के उपलक्ष्य में अन्यों को सनातन के ग्रंथ, लघुग्रंथ अथवा सात्त्विक उत्पाद उपहारस्वरूप दें !

सनातन द्वारा अध्यात्मशास्त्र, साधना, आचारधर्म, बालसंस्कार, राष्ट्ररक्षा, धर्मजागृति आदि विषयों पर ग्रंथसंपदा प्रकाशित की जाती है । ये ग्रंथ एवं लघुग्रंथ सगे-संबंधियों को उपहारस्वरूप देने पर अधिकाधिक लोगों तक अमूल्य ज्ञान पहुंचेगा ।

शिष्य डॉ. आठवलेजी के गुरु संत भक्तराज महाराजजी से सम्बन्धित ग्रन्थ !

ये ग्रन्थ साधकों की भावजागृति कर उन्हें आनन्द एवं शान्ति की अनुभूति देनेवाली अनमोल धरोहर ही हैं ।

आज ही ‘डाउनलोड’ करें, सनातन के ग्रंथ ‘ई-बुक’ स्वरूप में !

शीघ्र ही सनातन के अन्य ग्रंथ भी ‘ई-बुक’ स्वरूप में उपलब्ध !

आयुर्वेदानुसार आचरण कर बिना औषधियों के निरोगी रहें !

बाढ, विश्वयुद्ध आदि आपदाओं में डॉक्टर, औषधि आदि की अनुपलब्धता की स्थिति में तथा सामान्यत: भी उपयुक्त !

बच्चों के लालन-पालन से संबंधित चुनौतियों का सामना करने में तथा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सनातन के नए ग्रंथ सहायक सिद्ध होंगे ! – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

कतरास (झारखंड) यहा सनातन के ‘आदर्श अभिभावक कैसे बनें ?’ इस ग्रंथ का लोकार्पण

हिन्दू संस्कार एवं परंपरा

उत्सव एवं व्रतों का क्या महत्त्व है ?, उत्सव में अनुचित प्रकार रोकने हेतु क्या करें ?, चातुर्मास (चौमासे) में अधिक व्रत क्यों होते हैं ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये ग्रंथ ‘धार्मिक उत्सव एवं व्रतों का अध्यात्मशास्त्र’

भैयादूज के निमित्त बहन को उपहार के रूप में चिरंतन ज्ञानामृत से युक्त सनातन संस्था के ग्रंथ भेंट कर, साथ ही राष्ट्र-धर्म के प्रति गौरव बढानेवाले ‘सनातन प्रभात’ का सदस्य बनाकर अनोखा उपहार दीजिए ! 

भैयादूज के दिन बहन को अशाश्वत भेंटवस्तुएं देने की अपेक्षा चिरंतन ज्ञान का प्रसार करनेवाले सनातन की ग्रंथसंपदा के ग्रंथ उपहार के रूप में दिए जा सकते हैं, उसी प्रकार बहन को ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक का पाठक भी बनाया जा सकता है ।

अध्यात्मशास्त्रीय विवेचन एवं उपासना

श्रीराम की विशेषताएं क्या हैैं ?, रामायण के कुछ प्रसंगों का भावार्थ क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये : ‘श्रीराम (लघुग्रन्थ)’