श्रीकृष्ण जन्माष्टमी निमित्त हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष उपक्रमों को जिज्ञासुओं का उत्स्फूर्त प्रतिसाद

प्रतिदिन संपन्न हुए इस कार्यक्रम में दैनिक जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार किस प्रकार आचरण करें ?, भगवान श्रीकृष्ण की उपासना और पूजन का शास्त्र, भगवान श्रीकृष्ण पर किए जानेवाले आरोप और उनका खंडन इत्यादि विषयों पर शास्त्रीय जानकारी दी गई ।

संस्कृत की वैज्ञानिकता और समृद्धता की ओर पूर्ण विश्व आकर्षित हो रहा है ! – आनंद जाखोटिया, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

संस्कृत मृत भाषा है अथवा व्यावहारिक रूप से अनुपयोगी है’, ऐसा कहना अनुचित है । आज जर्मनी के १४ और ब्रिटेन के ४ विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढाई जा रही है, साथ ही १७ देशों में संस्कृत का अध्ययन किया जा रहा है ।

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जो भी सनातन के दिव्य ग्रंथों का अनुवाद मराठी/हिन्दी/अंग्रेजी से गुजराती/कन्नड/मलयालम/तमिल/तेलुगु तथा मराठी से अंग्रेजी में करने के इच्छुक हैं, कृपया यहां संपर्क करें ।

सनातन में ‘मैंने किया’, ऐसा कुछ भी न होना – परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी

‘कुछ आध्यात्मिक संस्थाएं अथवा संप्रदाय कोई अभियान अथवा कार्यक्रम करने पर ‘हमने यह किया, हमने वह किया’, ऐसा बताते हुए दिखाई देते हैं; परंतु सनातन में सभी कार्य महर्षि, संत आदि के अर्थात भगवान के मार्गदर्शन अनुसार किया जाता है ।

पुणे की श्रीमती उषा कुलकर्णी (आयु ७९ वर्ष) सनातन की ११० वीं तथा श्री. गजानन साठे (आयु ७८ वर्ष) १११ वें संत घोषित !

वृद्ध होते हुए भी अकेले ही रोग में सभी स्थिति संभालनेवाली, जिनका अखंड भाव रहता है कि ‘गुरुदेव साथ में हैं’ एवं स्थिरता जिनका स्थायीभाव है, ऐसी श्रीमती उषा कुलकर्णीजी को सनातन की ११० वीं व्यष्टि संत घोषित किया गया ।

सनातन के संत पू. (श्रीमती) सुशीला मोदीजी एवं पू. नीलेश सिंगबाळजी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में उनके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम !

भाद्रपद पूर्णिमा (२० सितंबर) को वाराणसी के पू. नीलेश सिंगबाळजी का जन्मदिन है । इस निमित्त से ‘झारखंड राज्य के धनबाद और कतरास जिलों के साधकों को पू. नीलेश सिंगबाळजी से सिखने को मिले सूत्र इस लेख में प्रस्तुत हैं ।

निधन वार्ता

कोलकाता, बंगाल की सनातन की साधिका श्रीमती मधु पांडेय के ससुर श्री. रविन्द्रनाथ पांडेयजी (आयु ८५ वर्ष) का ५.९.२०२१ को सवेरे दीर्घकालीन अस्वस्थता के कारण निधन हुआ ।

नुतन पाक्षिक – १६ से ३० सितंबर २०२१, पाक्षिक क्र. २ : हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात

Download भाद्रपद शुक्ल १० से आश्‍विन कृष्ण ९ (१६ से ३० सितंबर २०२१)  

ग्वालियर के श्रीश्यामजी महाविद्यालय में स्वतंत्रता दिन पर जागृति कार्यक्रम !

राष्ट्रध्वज ऊंचे स्थान पर फहराना, यह अपना राष्ट्र स्वतंत्र होने का प्रतीक है । इसलिए हमें उसका सम्मान करना चाहिए ।

आपातकाल में अणु बम की सहायता से प्रचंड संहार होगा ! – परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी

विश्वयुद्ध के कारण पृथ्वी पर रज-तम (प्रदूषण) बहुत बढेगा । इसलिए इस विश्वयुद्ध के पश्चात संपूर्ण पृथ्वी पर सात्त्विकता बढाने के लिए पृथ्वी को शुद्ध करना पडेगा ।