प्रीति, भाव एवं गुरु पर अटल श्रद्धा से युक्त एसएसआरएफ के फ्रांस की साधिका श्रीमती योया सिरियाक वाले (आयु ४१ वर्ष) समष्टि संतपद पर विराजमान !

पू. (श्रीमती) योया वालेजी का सम्मान उनके संत भाई पू. देयान ग्लेश्चिचजी ने किया एवं कु. अनास्तासिया वाले का सत्कार उसके मामा, अर्थात पू. देयान ग्लेश्चिचजी ने ही किया ।

लगन से सेवा कर श्री गुरु का मन जीतनेवाली कु. दीपाली मतकर (आयु ३३ वर्ष) सनातन के ११२ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

समष्टि साधना की तीव्र लगन, साधकों की आध्यात्मिक प्रगति की लगन रख निरंतर साधना में उनकी मां समान सहायता करना एवं श्रीकृष्ण के प्रति गोपीभाव आदि गुण कु. दीपाली मतकर में हैं ।

ग्रन्थमाला आगामी आपातकालकी संजीवनी

आगामी कालमें विश्वयुद्ध सहित बाढ, भूकम्प आदि प्राकृतिक आपदाएं भी होंगी । ऐसेमें विकार और आपदाओं का सामना करनेकी पूर्वतैयारीके रूपमें यह ग्रन्थमाला पढें ! ये ग्रन्थ सामान्यतः भी उपयुक्त हैं ।

अगले वर्ष निवृत्तिवेतन प्राप्त होने हेतु नवंबर २०२१ में अधिकोष को ‘जीवन प्रमाणपत्र’ (‘लाईफ सर्टिफिकेट’) दें !

‘शासकीय अथवा अशासकीय कर्मचारियों को निवृत्ति के पश्चात प्रत्येक माह ‘निवृत्तिवेतन’ (पेंशन) दिया जाता है । उसके लिए वे जिस अधिकोष से निवृत्तिवेतन लेते हैं, उस अधिकोष में प्रतिवर्ष नवंबर माह में ‘जीवन प्रमाणपत्र’ देना होता है ।

सनातन के दिव्य ग्रंथों के लिए अनुवादकों की आवश्यकता !

जिन्हें अध्यात्म के प्रति रुचि है उन्हें ईश्वरप्राप्ति शीघ्र कराने हेतु तथा संपूर्ण विश्व में हिन्दू धर्म का शास्त्रीय परिभाषा में प्रचार करने के उद्देश्य से, सनातन ने मई २०२१ तक ३३८ अनमोल ग्रंथों का प्रकाशन किया है, भविष्य में हजारों ग्रंथ प्रकाशित होंगे ।

सर्दियों मेंं होनेवाली बीमारियों पर सरल उपचार

‘सर्दियों में ऋतु के अनुसार ठंड और सूखापन बढता है। उनका उचित ध्यान न रखने से विविध बीमारियां होती हैं । उनमें से अधिकांश बीमारियां ‘तेल के उचित उपयोग और सेंक लेना’, इन उपचारों से नियंत्रण में आती हैं ।

छोटे बच्चों की रोगप्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि होने हेतु आयुर्वेद के निम्न उपचार करें !

प्रत्येक अभिभावक के मन में छोटे बच्चों की रोगप्रतिरोधक शक्ति बढाने के विषय में जिज्ञासा रहती है । रोगप्रतिरोधक शक्ति अच्छी रहने के लिए शरीर का बल और पाचनशक्ति उत्तम होना आवश्यक है ।

पेट साफ होने के लिए रामबाण घरेलु औषधि : मेथीदाना

रात को सोने के पूर्व अथवा रात के भोजन के उपरांत आधा चम्मच मेथीदाना थोडे से पानी के साथ औषधि गोलियां निगलते हैं, उस प्रकार न चबाते हुए निगलें । इससे सवेरे उठने पर पेट स्वच्छ होता है ।

आगामी आपातकाल की तैयारी के रूप में, साथ ही सदैव के लिए स्वयं के घर में न्यूनतम २ – ३ तुलसी के पौधे लगाएं !

हिन्दू धर्म और आयुर्वेद में तुलसी को अत्यधिक महत्त्वपूर्ण बताया गया है । तुलसी में श्रीविष्णु तत्त्व होता है । धर्मशास्त्र कहता है कि ‘प्रत्येक घर में तुलसी होनी ही चाहिए ।’ तुलसी असंख्य विकारों में उपयोगी है ।

सीधे ईश्वर से चैतन्य और मार्गदर्शन ग्रहण करने की क्षमता होने से आगामी ईश्वरीय राज्य का संचालन करनेवाले सनातन संस्था के दैवी बालक !

सनातन संस्था में कुछ दैवी बालक हैं । उनका बोलना आध्यात्मिक स्तर का होता है । आध्यात्मिक विषय पर बोलते हुए उनके बोलने में ‘सगुण-निर्गुण’, ‘आनंद, चैतन्य, शांति’ जैसे शब्द होते हैं । ऐसे शब्द बोलने के पूर्व उन्हें रुककर विचार नहीं करना पडता ।