लगन से सेवा कर श्री गुरु का मन जीतनेवाली कु. दीपाली मतकर (आयु ३३ वर्ष) सनातन के ११२ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

साधकों पर मातृवत प्रेम करनेवाली एवं लगन से सेवा कर श्री गुरु का मन जीतनेवाली कु. दीपाली मतकर (आयु ३३ वर्ष) सनातन के ११२ वें समष्टि संतपद पर विराजमान !

‘‘वैसे गुरु शिष्यों को आनंद देते हैं । २८ अक्टूबर को कु. दीपाली मतकरजी एवं ३० अक्टूबर को श्रीमती योया वालेजी ने संतपद पर विराजमान होकर मुझे शब्दातीत आनंद दिया है !’ – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले (३०.१०.२०२१)

पू. (कु.) दीपाली मतकरजी

     २८ अक्टूबर को कु. दीपाली मतकर सनातन संस्था के ११२ वें समष्टि संतपद पर विराजमान होने की आनंदवार्ता सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने सोलापुर में हुए एक समारोह में घोषित की । समष्टि साधना की तीव्र लगन, साधकों की आध्यात्मिक प्रगति की लगन रख निरंतर साधना में उनकी मां समान सहायता करना एवं श्रीकृष्ण के प्रति गोपीभाव आदि गुण कु. दीपाली मतकर में हैं । सनातन संस्था की सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी ने अपने शुभहस्तों भेंटवस्तु देकर पू. (कु.) दीपाली मतकरजी का सम्मान किया । यह आनंदवार्ता सुनकर सभी का भाव जागृत हुआ ।