सर्वत्र के निवृत्तिवेतन धारकों के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी
‘शासकीय अथवा अशासकीय कर्मचारियों को निवृत्ति के पश्चात प्रत्येक माह ‘निवृत्तिवेतन’ (पेंशन) दिया जाता है । उसके लिए वे जिस अधिकोष से निवृत्तिवेतन लेते हैं, उस अधिकोष में प्रतिवर्ष नवंबर माह में ‘जीवन प्रमाणपत्र’ देना होता है । ऐसा करने से ही अगले वर्षभर निवृत्तिवेतन जारी रहता है । प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया संबंधी जानकारी आगे दी है ।
१. जीवन प्रमाणपत्र कहां दें ?
१ अ. संबंधित अधिकोष की किसी भी शाखा से ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ दे सकेंगे ! : प्रमाणपत्र देने के लिए अधिकोष की जिस शाखा में खाते खुले हैं, उस शाखा में प्रत्यक्ष जाने की आवश्यकता नहीं । वर्तमान में जहां निवास है वहां पर उस अधिकोष की जो शाखा होगी, वहां आगे कागदपत्र दिखाकर ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ दे सकते हैं, उदा. किसी ने निवृत्तिवेतन के लिए ठाणे के अधिकोष से खाता खोला होगा और वर्तमान में वह देहली में रहता हो, तो देहली के उस अधिकोष की शाखा से भी वह प्रमाणपत्र दे सकता है ।
१ आ. शासकीय एवं अशासकीय सुविधाओं की आपूर्ति के लिए कुछ स्थानों पर ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ आरंभ हुए हैं । वहां अथवा डाक (पोस्ट) में भी जीवन प्रमाणपत्र दे सकते हैं । अपने परिसर में ‘कॉमन सर्विस सेंटर्स’ की जानकारी https://locator.csccloud.in/ इस जालस्थल पर मिलेगी ।
२. आवश्यक कागदपत्र
अ. आधार कार्ड एवं उसकी जेरॉक्स प्रति
आ. निवृत्तिवेतन जमा होने की खाते की पासबुक
इ. पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पी.पी.ओ.) क्रमांक
तदुपरांत अधिकोष के अधिकारी निवृत्तिवेतन धारिकाओं को प्रमाणपत्र देने की अगली प्रक्रिया करेंगे ।
ई. अधिकोष में अथवा ‘कॉमन सर्विस सेंटर’ में जाते समय अपने साथ आधार कार्ड के लिए पंजीकृत (रजिस्टर) अपना संपर्क क्रमांक साथ होना चाहिए ।
तदुपरांत संगणक पर ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ तैयार होता है और निवृत्तिवेतन देनेवाले संबंधित संस्था के पास जमा होता है । इसकी छपी हुई प्रति निवृत्तिवेतन धारकों को भी मिलती है । वह प्रति निवृत्तिवेतन धारकों को अपने पास रखनी चाहिए ।
इस विषय में अधिक जानकारी के लिए https://jeevanpramaan.gov.in जालस्थल देखें अथवा संबंधित अधिकोष अथवा निकट के डाक कार्यालय से संपर्क करें !
३. अपने निवासस्थान से ही ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ देने की सुविधा उपलब्ध !
डाक कार्यालय की (‘पोस्ट ऑफिस’ की) ओर से डाकिया (पोस्टमैन) आपके निवासस्थान पर आकर उसके माध्यम से ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ तैयार करके देने की सुविधा उपलब्ध हो रही है । इस सुविधा के लिए पहले ‘ऑनलाइन’ प्रविष्टि करनी होती है । इससे हम अपने निवासस्थान से ही उन्हें ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ दे सकते हैं । डाकिया के घर आने पर ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ तैयार करने के लिए आवश्यक कागदपत्र एवं चल-दूभाष क्रमांक साथ में होना आवश्यक है । इस सुविधा के लिए डाक कार्यालय द्वारा नाममात्र शुल्क लिया जाता है । इस विषय की अधिक जानकारी के लिए पास ही के डाक कार्यालय से संपर्क करें । इस सुविधा का उपयोग करने के लिए http://ccc.cept.gov.in/covid/request.aspx लिंक पर जाएं । इसी प्रकार की घरपहुंच सेवा (डोर स्टेप सर्विस) कुछ राष्ट्रीयकृत अधिकोषों से (नेशनल बैंकों से) आरंभ हो रही है । अपने संबंधित अधिकोष से संपर्क कर इस विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।
४. निवृत्तिवेतन धारकों द्वारा प्रस्तुत ‘जीवन प्रमाणपत्र’ १ वर्ष तक ही वैध रहता है !
कुछ शासकीय कर्मचारियों से संबंधित निवृत्तिवेतन देनेवाली संस्थाओं में ‘डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र’ स्वीकारने की सुविधा उपलब्ध होने की संभावना अल्प है । इसलिए उन वेतनधारकों को पहले के समान ही अधिकोष के अधिकारियों के हस्ताक्षरवाले प्रमाणपत्र देने पडते हैं । इसके लिए संबंधित अधिकोष की स्थानीय शाखा में अपने उपरोक्त कागदपत्र दिखाएं और अगली प्रक्रिया करें ।