‘मुझे अपेक्षा है कि तालिबान इस्लामी नियमों के आधार पर अच्छा शासन करेगा !’ – फारूक अब्दुल्ला

  • इससे फारूक अब्दुल्ला जैसे लोगों की वास्तविक मानसिकता स्पष्ट होती है ! हिन्दू इस बात की ओर कब ध्यान देंगे, कि प्रत्येक धर्मांध संसार में अपने धर्म के अनुसार, अर्थात शरीयत के अनुसार राज्य व्यवस्था चाहता है ; जहां यह संभव नहीं है, वे ऐसा करने के लिए प्रयासरत रहते हैं ? – संपादक

  • जब तालिबान का इतिहास एवं वर्तमान क्रूरता के होते हुए भी, फारूक अब्दुल्ला ऐसा वक्तव्य देने साहस कैसे जुटाते हैं ? – संपादक

  • यदि ‘तालिबान इस्लामी नियमों के अनुसार अच्छा शासन कर सकता है’, तो ‘अपने धर्मशास्त्र के अनुसार, हिन्दू देश में हिन्दू राष्ट्र स्थापित कर हिन्दू अच्छा शासन करेंगे । हिन्दू राम-राज्य के समान शासन करने का प्रयास करेंगे’, यह बात फारूक अब्दुल्ला जैसे धर्मांधों द्वारा क्यों नहीं स्वीकार की जाती ? वे हिन्दू राष्ट्र का विरोध क्यों करते हैं ? हिन्दुओं का इतिहास हमें बताता है, कि वे तालिबान जैसे अत्याचार कभी नहीं करेंगे । क्या अब्दुल्ला इस बात को अस्वीकार कर सकते हैं, कि हिन्दुओं पर संपूर्ण मानव जाति के हितों को साध्य करने का ही संस्कार हैं ? – संपादक
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य नेता फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर (जम्मू -कश्मीर) – मुझे अपेक्षा है कि अफगानिस्तान में तालिबान इस्लामी कानून के आधार पर अच्छा शासन करेगा एवं उनके द्वारा मानवाधिकारों का सम्मान किया जाएगा । तालिबान सरकार के गठन के संबंध में प्रसार माध्यमों से बात करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा, कि उन्हें सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने चाहिए ।

जहां तालिबान-प्रेमी मुसलमान अल्पसंख्यक हैं, वहां वे सर्वधर्म समभाव चाहते हैं ; परंतु, जहां बहुसंख्यक हैं, वहां वे इस्लामी कानून चाहते हैं ! – भाजपा 

भाजपा नेता निर्मल सिंह

भाजपा ने अब्दुल्ला के वक्तव्य की आलोचना की है । जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता निर्मल सिंह ने कहा, कि जब तालिबान द्वारा महिलाओं तथा अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किए जा रहे हैं, तब भी अब्दुल्ला तालिबान का पक्ष लेते हुए दिखाई दे रहे हैं । जिन देशों में मुसलमान अल्पसंख्यक हैं, उस देश में अब्दुल्ला सर्वधर्म समभाव चाहते हैं तथा जहां मुसलमान बहुसंख्यक हैं, वहां वे इस्लामी कानून चाहते हैं ।