प्रश्न पूछने वाले वृत्तवाहिनी की (न्यूज चैनल की) संपादिका पर भडके !
नई दिल्ली – अंग्रेजी वृत्तवाहिनी ‘टाइम्स नाऊ’ के एक चर्चासत्र में कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और श्रीनगर लोकसभा के वर्तमान सदस्य फारुख अबदुल्ला को वर्ष १९९० में कश्मीर घाटी में हुए हिन्दुओं के वंशविच्छेद के विषय में पूछने पर वे भडक गए और कार्यक्रम छोडकर चले गए । (उत्तर देना टालने से सत्य छुपेगा नहीं । अबदुल्ला को एक दिन हिन्दुओं के प्रश्न का उत्तर देना ही होगा ! – संपादक) ‘टाइम्स नाऊ’ की संपादिका नाविका कुमार द्वारा उनसे कश्मीरी हिन्दुओं के विषय में प्रश्न पूछने पर, ‘आप द्वारा कश्मीर के हिन्दुओं के वंशविच्छेद के विषय में प्रश्न पूछने पर मैं कार्यक्रम से निकल जाउंगा।’ अब्दुल्ला ने आरोप किया कि, ‘आप जानबूझकर पुराने घावों को खोद रही हैं’ ।
१. अब्दुल्ला ने नाविका कुमार को ‘आप कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद के विषय में मुझे प्रश्न पूछकर पक्षपाती भूमिका ले रही हैं । उन्होंने ऐसा भी आरोप लगाया कि, आप भाजपा की प्रतिनिधि समान प्रश्न पूछ रही हैं’ । (कश्मीरी हिन्दुओं के विषय में किसी के आवाज उठाने पर उसके ऊपर ‘भाजपा का प्रतिनिधि’ होने का ठप्पा लगाकर विषय से किनारा करने वाले अब्दुल्ला ! – संपादक) उन्होंने ऐसा भी कहा कि, ‘जिन्हें घाटी छोडने पर विवश किया गया वे सभी हिन्दू मेरे भाई समान थे’ । (कश्मीरी हिन्दू भाई समान थे, तो उनकी हत्याएं क्यों होने दी ?’, यह भी अबदुल्ला को बताना चाहिए ! – संपादक)
२. चर्चासत्र के समय नाविका कुमार द्वारा अब्दुल्ला के सत्ता पर रहते समय हत्या किए गए न्यायमूर्ति नीलकंठ गंजू, टिकालाल टपलू और पत्रकार प्रेमनाथ भट्ट इन कश्मीरी हिन्दुओं के विषय में प्रश्न पूछने पर उन्होंने साक्षात्कार के हेतु पर प्रश्नचिन्ह लगाया और चर्चासत्र से निकल गए ।
३. इस चर्चासत्र का वीडियो सामाजिक माध्यमों पर बडी मात्रा में प्रसारित होने के उपरांत अनेकों ने अब्दुल्ला पर टिप्पणी की है । टी.वी.९ वृत्तवाहिनी के कार्यकारी संपादक और कश्मीरी हिन्दू आदित्य राज कौल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘चर्चासत्र से भागने वाले अब्दुल्ला वर्ष १९९० में भी भाग निकले और हिन्दुओं को जिहादी आतंकवादियों के हाथों मरने के लिए छोड दिया’ ।
संपादकीय भूमिकानेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने हमेशा ही कश्मीरी हिन्दुओं के वंशविच्छेद के विषय में बोलना टाला है । उनके कार्यकाल में हिन्दुओं की हत्या होने के कारण वे भी इसके लिए उत्तरदायी हैं । ऐसे सभी लोगों पर मुकदमा चलाकर उन्हें दंड देना आवश्यक ! |