साधको, गुरुसेवा में रुचि-अरुचि को न संजोकर ‘शूद्र वर्ण की सेवा करने से तीव्र गति से आध्यात्मिक उन्नति होती है’, यह ध्यान में रखकर सभी सेवाएं करने की तैयारी रखें !
संगणकीय सेवा करनेवाले कुछ साधकों को स्वच्छता सेवा अथवा रसोईघर से संबंधित सेवाएं कनिष्ठ स्तर की लगती हैं । उसके कारण वे शूद्र वर्ण की इन सेवाओं को करने में टालमटोल करते हैं ।