बांग्लादेश के हिन्दुओं की दयनीय स्थिति !

‘वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन बांग्लादेश’ शाखा की जानकारी यह है कि १३ से १७ अक्टूबर इन ५ दिनों में ३३५ मंदिरों की तोडफोड की गई । हिन्दुओं के १ सहस्र ८०० घर जलाएं गए । बांग्लादेश के कॉमिला, जानपुर, नौखाली, वडगाव बाजार, नवाबगंज, रंगपुर में सबसे अधिक आक्रमण किए गए ।

बांग्लादेश में २०० से अधिक धर्मांधों की ओर से पुन: आक्रमण

बांग्लादेश के नौआखाली में शुक्रवार की नमाज के बाद इस्कॉन के एक मंदिर पर २०० से अधिक धर्मांधों ने आक्रमण कर इस्कॉन के दो साधु निताई दास प्रभु और जतन दास प्रभु, साथ में भक्त पार्थ दास की हत्या कर दी ।

बांग्लादेश में हिन्दू-विरोधी हिंसा के प्रकरण में एक और सूत्रधार बंदी !

अब तक अनुमानित ६०० व्यक्तियों को बंदी बनाया गया !

हिन्दू विरोधी अभिनेताओं का एक समूह हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करता है ! – भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगडे

हिन्दू विरोधी विज्ञापन के कारण हेगडे का सिएट टायर कंपनी को पत्र

वर्ष २०५० में बांगलादेश में हिन्दू नहीं बचेंगे ! – बांगलादेशी लेखिका की पुस्तक में दावा

यह स्थिति आने से पहले भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें, जिससे विश्वभर के हिन्दुओं की रक्षा की जा सकती है !

बांगलादेश में पिछले ४० वर्षों में हिन्दुओं की जनसंख्या में ५ प्रतिशत कमी !

पिछले ४ दशकों में इस ओर ध्यान ना देने वाले भारत की सभी पार्टियों के शासनकर्ताओं के लिए यह लज्जास्पद ! अब तो सरकार बांगलादेश के हिन्दुओं के लिए कुछ करेगी क्या ? ऐसा प्रश्न हिन्दुओं के मन में निर्माण होता है !

बांगलादेश में दुर्गापूजा के मंडप में कुरान रखने वाला ३५ वर्षीय इकबाल हुसैन होने का खुलासा !

‘हिन्दुओं पर कुरान का अपमान करने का बताकर आक्रमण करने वाले धर्मांध अब दुर्गापूजा के मंडप में कुरान रखने वाले उसके धर्मबंधुओं पर आक्रमण करेंगे क्या ?’, ऐसा प्रश्न किसी ने पूछा, तो वो गलत नहीं होगा !

शेख हसीना ने वर्ष २०१६ में हिन्दुओं पर आक्रमण करने वालों के संचालक (मास्टरमाइंड) को चुनाव में दी थी उम्मीदवारी ! – बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

इससे हसीना के हिन्दुद्वेषी चेहरे का पता चलता है । उनके शासन में हिन्दुओं की रक्षा होना असंभव ही है । इसे देखते हुए अब भारत को पहल कर कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है !

प्रधानमंत्री शेख हसीना धार्मिक हिंसा के विरोध में है, तो उन्होंने ‘लज्जा’ इस कादंबरी पर लगा प्रतिबंध क्यों नहीं हटाया – कादंबरी की लेखिका तस्लिमा नसरीन का प्रश्न

२८ वर्ष पूर्व बांगलादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने उसपर प्रतिबंध लगाया । यदि अभी की प्रधानमंत्री शेख हसीना धार्मिक हिंसा के विरोध में है, तो उन्होंने पुस्तक पर लगा प्रतिबंध क्यों नहीं हटाया, ऐसा प्रश्न इस कादंबरी की लेखिका तस्लिमा नसरीन ने ट्वीट कर पूछा है ।

हम बांगलादेश से घबरा रहे हैं क्या ? – डॉ. सुब्रह्मण्यम् स्वामी का प्रश्न

बांगलादेश में हिन्दुओं पर हुए आक्रमणों का मामला