वर्ष २०५० में बांगलादेश में हिन्दू नहीं बचेंगे ! – बांगलादेशी लेखिका की पुस्तक में दावा

  • यह स्थिति आने से पहले भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें, जिससे विश्वभर के हिन्दुओं की रक्षा की जा सकती है ! – संपादक
  • भारत के अल्पसंख्यकों पर कथित अन्याय होने पर आकाश-पाताल एक करने वाला मानवाधिकार संगठन बांगलादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओं का समूल उच्चाटन होते हुए भी एक भी शब्द नहीं निकालते हैं, यह ध्यान दे ! – संपादक

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

ढाका (बांगलादेश) – प्रतिदिन लगभग ६३२ हिन्दू बांगलादेश छोड़कर दूसरे देशों में आश्रय ले रहे हैं । इस कारण आने वाले ३ दशकों में, अर्थात वर्ष २०५० तक बांगलादेश में हिन्दू नहीं बचेंगे, ऐसा दावा ढाका विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अबुल बरकत ने बांगलादेश में हिन्दूओं की स्थिति पर लिखी ‘पॉलिटिकल इकनॉमी ऑफ रिफॉर्मिंग एग्रीकल्चर-लैंड-वॉटर बॉडिज् इन बांगलादेश’ (Political economy of reforming agriculture-land-water bodies in Bangladesh)  इस पुस्तक में किया है ।

अबुल द्वारा शोध कर लिखी यह पुस्तक वर्ष २०१६ में पब्लिश की थी । ‘बांगलादेश में इतनी भीषण परिस्थिति निर्माण होने के पीछे कट्टरवादी मुसलमानों का दबदबा बढना, यह कारण है । कट्टर मुसलमान एकत्रित होकर अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर आक्रमण करते हैं’, ऐसा इस पुस्तक में लिखा गया है ।

बांगलादेश में केवल ६.५ प्रतिषत हिन्दू शेष !

वैश्विक आंकडों के अनुसार बांगलादेश में हिन्दुओं की जनसंख्या कुल जनसंख्या की ६.५ प्रतिशत है । वर्ष १९७१ में पश्चिम पाकिस्तान से बांगलादेश को स्वतंत्र कराने में भारत का बडा हाथ था; लेकिन तुरंत बाद ही बांगलादेश में रह रहे हिन्दुओं पर अत्याचारों का प्रारंभ हुआ । बांगलादेश स्वतंत्र होने के बाद से हिन्दुओं पर आक्रमण नहीं हुए, ऐसा एक भी वर्ष नहीं बीता ।

‘बांगलादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक’ (बांगलादेश सांख्यिकी विभाग) इस संस्था के अनुसार बांगलादेश में वर्ष १९७४ से हिन्दुओं की घटती जनसंख्या निम्नानुसार है 

अ.क्र.    वर्ष                हिन्दुओं की जनसंख्या (प्रतिशत में)
१.         १९७४                १३.५
२.         १९८१                १२.१
३.         १९९१                १०.५
४.         २००१                ९.३
५.         २०११                ८.५

वर्ष २०२१ में बांगलादेश में अंदाजन केवल ६.५ प्रतिशत ही हिन्दू हैं ।

पिछले ९ वर्षों में हिन्दुओं पर ३ सहस्र ६०० आक्रमण !

मानवाधिकार संगठनों के आंकडों अनुसार पिछले ९ वर्ष में हिन्दुओं पर ३ सहस्र ६०० आक्रमण हुए थे । बांगलादेश में वर्ष १९९०, १९९५, १९९९ और वर्ष २००२ इन वर्षों में बडे दंगे हुए । इन दंगों में हिन्दुओं को लक्ष्य किया गया था । बांगलादेश में हिन्दुओं के मंदिर गिराना, उनके घर जलाना, हिन्दू लडकियों और छोटे बच्चों का अपहरण करना, हिन्दू लडकियों और विवाहित महिलाओं पर बलात्कार करना, ऐसे अत्याचार किए जा रहे हैं ।

वर्ष १९७१ में ३० हिन्दुओं का नरसंहार !

बांगलादेश के इतिहास में वर्ष १९७१ में हिन्दुओं पर सबसे अधिक अत्याचार हुए । बांगलादेश मुक्ति संग्राम के समय पाकिस्तानी सेना ने हिन्दुओं के गांव के गांव उद्धवस्त कर दिए थे । एक रिपोर्ट के अनुसार उस समय ३० लाख हिन्दुओं का नरसंहार हुआ था ।

हिन्दुओं की जमीन हड़पने के लिए हिन्दुओं पर आक्रमण होते हैं !

बांगलादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा होने का मुख्य कारण उनकी पास होने वाली भूमि को हड़पना, यह है । ‘ढाका टाइम्स’ ने दिए वृत्त के अनुसार बहुसंख्यक मुसलमान गरीब हिन्दुओं पर आक्रमण करते हैं, उनकी महिलाओं पर अत्याचार करते हैं, साथ ही उनके घरों को जलाते हैं। इस कारण हिन्दू अपना घर छोडकर सुरक्षित स्थान पर जाने को बाध्य हो जाते हैं । इसके बाद मुसलमान हिन्दुओं की भूमी हडप लेते हैं, ऐसी यहां के अल्पसंख्यकों के ऊपर आक्रमण करने की पद्धति है ।