बांग्लादेश में २०० से अधिक धर्मांधों की ओर से पुन: आक्रमण

इस्कॉन के मंदिर पर आक्रमण कर २ साधु और १ भक्त की हत्या

  • प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इसके पहले ‘हिंसा करने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी’, ऐसा कहा था; लेकिन इसका कोई भी परिणाम धर्मांधों पर हुआ नहीं या शेख हसीना उनका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकती, इसी का परिणाम यह कि ऐसे आक्रमण हुए, ऐसा ध्यान में आता है ! यह देखते हुए भारत सरकार हिन्दुओं की रक्षा के लिए कुछ करेगी क्या ? – संपादक
  • इस्लामी देशों में हिन्दुओं पर होने वाले आक्रमणों के विषय में भारत के और विश्वभर के धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादियों की फौज कभी कुछ नहीं बोलते । ऐसे असंख्य आक्रमणों से बचने के लिए अपनी जान मुठ्ठी में रखकर भारत का आश्रय लिए हिन्दुओं को शीघ्र गति से भारतीय नागरिकता मिलने के लिए किए गए ‘सीएए’ कानून को भी यह फौज विरोध करती है, यह ध्यान रखें ! – संपादक


     ढाका (बांगलादेश) – बांगलादेश के नौआखाली में शुक्रवार की नमाज के बाद इस्कॉन के एक मंदिर पर २०० से अधिक धर्मांधों ने आक्रमण कर इस्कॉन के दो साधु निताई दास प्रभु और जतन दास प्रभु, साथ में २५ वर्षीय भक्त पार्थ दास की हत्या कर दी । दास का मृतदेह यहां के तालाब के पास मिला । इस्कॉन ने ट्वीट कर इस आक्रमण की जानकारी दी । इस्कॉन ने बांगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सहायता करने का आवाहन किया है । ‘इस आक्रमण के दोषियों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए’, ऐसी मांग इस्कॉन ने की है । नवरात्रि के समय देश के कॉमिला जिले में धर्मांधों ने कुरान के अपमान की अफवाह पर हिन्दुओं पर और श्री दुर्गादेवी के ९ पूजा मंडपों पर आक्रमण कर ४ हिन्दुओं की हत्या कर दी थी ।

     ‘इस्कॉन बांग्लादेश’ ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को ट्वीट कर इस आक्रमण में तीन महिलाओं का बलात्कार होने की जानकारी दी है ।

     बांग्लादेश के अंग्रेजी दैनिक ‘द डेली स्टार’ ने पब्लिश किए एक वृत्त में कहा है कि खुलना के रुपसा उप जिले के एक मंदिर के पास १८ बम भी मिले हैं । पुलिस ने ये बम निष्क्रिय कर दिए हैं ।

इस्कॉन के उपाध्यक्ष ने आक्रमणों की जानकारी देनेवाले ट्वीट ट्विटर को ‘डिलीट’ करने हेतु बाध्य किया !

कुछ माह पूर्व केंद्र शासन को ‘विचार स्वतंत्रता का आदर करें !’, ऐसे उपदेशों की डोज पिलाने की हिन्दू विरोधी ट्वीटर की दोहरी नीति ! -संपादक

     इस्कॉन के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता श्री. राधारमण दास ने आक्रमणों की जानकारी देनेवाले ट्वीट संबंधित चित्रों सहित पोस्ट किया था । इसपर ट्विटर ने आपत्ति लेते हुए, यह ट्वीट अर्थात ‘ग्रेट्युइटस गोर’ (आवश्यक कारण न होते हुए भी रक्त से सने हुए लोगों की चित्र पोस्ट करना) यह इनकी नीति के विरोध में होने का बताकर दास को यह ट्वीट ‘डिलीट’ करने के लिए दबाव डाला गया । (हिन्दुओं पर हुए आक्रमणों के विषय में जागृत करना ट्विटर को अनावश्यक लगता है, यह ध्यान दें ! ऐसे हिन्दू विरोधी ट्विटर के विरोध में केंद्र सरकार को कठोर कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसा दुखी हिन्दू जनता को लगता है । – संपादक) (१७.१०.२०२१)

श्री. राधारमण दास