रिश्वतखोरी के आरोप में सेना के ३ अधिकारियों को बंदी बनाए जानेवाली ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की बात झूठी एवं भ्रामक है ! – सेना
ऐसे झूठे समाचार फैलाकर भारतीय सेना की छवि खराब करने वाले समाचार पत्र के विरुद्ध कार्रवाई करें !
ऐसे झूठे समाचार फैलाकर भारतीय सेना की छवि खराब करने वाले समाचार पत्र के विरुद्ध कार्रवाई करें !
यद्यपि कश्मीर में प्रतिवर्ष १०० से अधिक आतंकवादी मारे जाते हैं, तब भी पाकिस्तान में उनकी निर्मिति चलती ही रहती है । इसलिए कश्मीर में आतंकवाद नष्ट नहीं होता । अत: उसे जड से नष्ट करने हेतु पाकिस्तान को नष्ट करना आवश्यक है !
‘९ दिसंबर को भारत एवं चीन के सैनिकों के मध्य संघर्ष हुआ । ३०० से अधिक संख्यावाले चीनी सैनिक रात ३ बजे भारतीय सीमा में घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे थे । सामाजिक माध्यमों में आपको इसके संदर्भ में अनेक वीडियोज देखने को मिले होंगे ।
कश्मीर में जिहादी आतंकवाद तब तक नहीं मिटेगा जब तक कि आतंकवादियों के जन्म देनेवाले पाकिस्तान को नष्ट नहीं किया जाता !
अमेरिका के एक न्यायालय ने अमेरिका के ‘मरीन’ (नौसेना जैसे कार्य करने वाले ) सेना में भर्ती होने वाले सिक्खों को दाढी रखने एवं पगडी पहनने की अनुमति दी है ।
तहरीक-ए-तालिबान आतंकवादी संगठन ने पाक की सीमा पर बन्नू जनपद के ‘काऊंटर टेररिज्म सेंटर’ पर आक्रमण (हमला) कर सैनिकों को नियंत्रित किया था । उन्हें छुडाने हेतु पाक सेना द्वारा की गई कार्रवाई में टीटीपी के ३३ आतंकवादी मारे गए, इनमें पाक सेना के २ कमांडो भी मारे गए ।
जिस प्रकार पाकिस्तान भारत में घुसपैठ कर आतंकवादियों द्वारा आक्रमण करता है उसी प्रकार तालिबानी आतंकवादी पाकिस्तान में घुसपैठ कर पाकिस्तान को तबाह कर रहे हैं ! ‘जैसा हम करते हैं, वैसा ही भोगते हैं’, पाकिस्तान को वर्तमान में इसका अनुभव हो रहा है ।
चीनी सैनिक प्रतिवर्ष घुसपैठ करने का प्रयास करते हैं और प्रत्येक समय उन्हें शर्मिंदा होकर मार खाना पडता है, ऐसी जानकारी पूर्व सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने ‘ए.एन.आई.’ इस वृत्तसंस्था को दिए साक्षात्कार में दी ।
चीन ऐसे आधिकारिक प्रतिपादन करता ही रहेगा । जब तक उसे उचित पाठ पढ़ाया नहीं जाता तब तक उसके उपद्रव नहीं रुकेंगे । भारत को उसके लिए सघन प्रयास करना चाहिए !
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के मध्य हुए संघर्ष का समाचार वैश्विक प्रसारमाध्यमों द्वारा प्रसारित किया गया है । इसमें उन्होंने कहा है कि भारत की अपेक्षा चीन के सैनिकों की अधिक क्षति हुई है ।