रिश्वतखोरी के आरोप में सेना के ३ अधिकारियों को बंदी बनाए जानेवाली ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की बात झूठी एवं भ्रामक है ! – सेना

नई देहली – ३१ दिसंबर २०२२ को टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक लेख प्रकाशित किया । इसमें ३०दिसंबर २०२२ को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के आरोप में सेना के ३ अधिकारियों को बंदी बनाया था : बंदी बनाए हुए अधिकारियों में भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड के लेखा अधिकारी, एक कनिष्ठ अनुवादक एवं एक वित्तीय सलाहकार के सम्मिलित होने की बात कही गई है । समाचार रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि इन्हें जयपुर में बंदी बनाया गया तथा केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अनेक स्थानों पर छापे मारे एवं ४० लाख रुपए नकद नियंत्रण में लिए गए । इसके अतिरिक्त कहा गया कि ‘सीबीआई’ ने संपत्ति तथा अपराध के कागद-पत्र (दस्तावेज) नियंत्रण में लिए हैं । भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (ADGPI) द्वारा टाइम्स ऑफ इंडिया के दावे का खंडन किया गया है ।

१. एडीजीपीआई ने एक ट्वीट द्वारा कहा कि टाइम्स ऑफ इंडिया के ३१ दिसंबर २०२२ के जयपुर संस्करण में प्रकाशित लेख भ्रामक है । ट्वीट में स्पष्ट किया गया है कि जैसा इस लेख में उल्लेख किया गया है, वैसे किसी भी सैन्य अधिकारी को बंदी नहीं बनाया गया ।

२. ट्वीट में कहा गया, टाइम्स ऑफ इंडिया से अनुरोध है कि भविष्य में ऐसी गंभीर चूकों से बचने के लिए उचित संपादकीय परिश्रम करें। तथापि, यह पहली बार नहीं है कि कोई अंग्रेजी दैनिक झूठे (फर्जी) समाचार प्रकाशित करता पाया गया है ।

३. कुछ दिन पूर्व ही, द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अभिनेता रणदीप हुड्डा का एक छायाचित्र दिखाकर एक विवाद खडा कर दिया था, जो कुख्यात गैंगस्टर चार्ल्स शोभराज के स्थान पर शोभराज के जीवन पर आधारित चलचित्र में भूमिका निभा रहे हैं ।

संपादकीय भूमिका

ऐसे झूठे समाचार फैलाकर भारतीय सेना की छवि खराब करने वाले समाचार पत्र के विरुद्ध कार्रवाई करें !