पाकिस्तान में १२ जिहादी आतंकवादी संगठनों को आश्रय !
अमेरिकी संगठन को जो ज्ञात है, उसकी जानकारी संपूर्ण विश्व को और संयुक्त राष्ट्र को भी है…
अमेरिकी संगठन को जो ज्ञात है, उसकी जानकारी संपूर्ण विश्व को और संयुक्त राष्ट्र को भी है…
अफगानिस्तान में तालिबानी अर्थात जिहादी राज्य लागू हुआ है । वर्तमान काल में अफगानिस्तान का प्रत्येक घटनाक्रम भारत की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है; क्योंकि उसका सीधा परिणाम भारत पर होगा ।
अमेरिका की गांधीगीरी ! यह सांप को दूध पिलाने समान है ! मानवता के नाम के नीचे दी जाने वाली यह रकम गरीब अफगानी नागरिकों को मिलेगी या तालिबानी आतंकवादी इसे स्वयं के लिए खर्च करेंगे, इस पर कौन और कैसे ध्यान रखेगा ? इसके पहले अमेरिका ने इस प्रकार की सहायता पाक को की थी और पाक द्वारा इसे जिहादी आतंकवादियों पर खर्च करने का इतिहास है !
२४ अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रशिया के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतीन के बीच दूरभाष पर चर्चा हुई थी । इसके आगे की चर्चा के लिए पत्रुशेव का भारत दौरा है, ऐसा रशिया के विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है ।
टोनी ब्लेअर को जो लगता है वह विश्व के अन्य नेताओं को लगता है क्या, या वे अभी भी धर्मनिरपेक्षता की गोद में सो रहे हैं ?
अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत पर नियंत्रण प्राप्त करने में पाकिस्तान द्वारा तालिबान की सहायता करने के लिए एक ड्रोन आक्रमण ने उनके गठबंधन को मुहर-बंद (सील) कर दिया है । इस पृष्ठभूमि पर डगलस लंदन बोल रहे थे ।
अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत को अपने अधिकार में लेने के लिए तालिबान ने खावक में किए आक्रमण में तालिबान के ३५० आतंकवादी मारे जाने का, साथ ही ४० आतंकवादियों को पकड़ने का दावा नॉदर्न एलायन्स ने (तालिबान के विरोध में स्थापित किया गया ’उत्तरी मित्रपक्ष’) किया है ।
अमेरिका द्वारा दिए शब्दों का पालन करते हुए ३१ अगस्त को अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोडा़ । इस कारण अब अफगानिस्तान पूर्णरूप से (पंजशीर प्रांत को छोडकर) तालिबान के अधिकार में आ गया है ।
अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के उपरांत पाकिस्तान द्वारा भारत में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की संभावना होने से भारत की समस्याओं में वृद्धि होना
इस आक्रमण में कुछ वाहनों को हानि पहुंची । अबतक किसी भी आतंकी संगठन ने इस आक्रमण का दायित्व नहीं लिया है ।