अमेरिका में हो रही है मानवी मृतदेह से खाद की निर्मिति !

वॉशिंगटन (अमेरिका) – हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख धर्म के व्यक्ति का निधन होने पर उनकी पार्थिवदेह का अग्निसंस्कार किया जाता है, तो मुसलमान और ईसाई धर्म में मृतदेह को गाडा जाता है । लेकिन अमेरिका की एक कंपनी मृतदेह से खाद बनाने की सुविधा उपलब्ध करा रही है; परन्तु यह खाद पर्यावरण के लिए पूरक है क्या , ऐसा संदेह व्यक्त किया जा रहा है । वर्ष २०१९ में पहली बार वॉशिंगटन राज्य ने इस खाद को मान्यता दी है ।

अभी तक अमेरिका के ६ राज्यों ने ‘ह्यूमन कंपोस्टिंग’ के लिए अनुमति दी है । इस कारण मृत्यु के उपरांत कोई व्यक्ति उसके पार्थिवदेह का रूपांतर मिट्टी में अथवा खाद में करने का निर्णय ले सकता है ।

‘ह्यूमन कंपोस्टिंग’ में प्राकृतिक और सुरक्षित प्रक्रिया का प्रयोग कर मृतदेह का रूपांतर मिट्टी में किया जा सकता है, ऐसा दावा किया जा रहा है । इस प्रक्रिया के लिए लकडी के टुकडे, अल्फाल्फा (एक प्रकार का पौधा) और सूखे पुआल से भरे एक कंटेनर में मानवी मृतदेह को रखा जाता है । इसके उपरांत आगे की प्रक्रिया के लिए ३० दिन का समय लगता है । इसके उपरांत तैयार हुई मिट्टी परिवार को सौंप दी जाती है । यह मिट्टी फूलों के पेड, फलों के पेड और सब्जी के लिए खाद के रूप में प्रयोग की जा सकती है ।

संपादकीय भूमिका

अध्यात्म का तनिक भी ज्ञान न होने से सुधारवाद के नाम पर इस प्रकार के गलत काम पश्चिमी लोगों को सूझते हैं ! मृतदेह का अग्निसंस्कार, यह सभी दृष्टि से योग्य है । जिस दिन पश्चिमी लोग उसका अध्ययन करेंगे, वह बहुत अच्छा दिन होगा !