आम आदमी दल के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने भगवान कृष्ण को ‘राक्षस’ कहा  !

जिन्हें यह नहीं ज्ञात कि ‘भगवान कौन और राक्षस कौन?’  वे समाज को क्या दिशा देंगे ? ऐसी राक्षसी मानसिकता वाले राजनेताओं को आजीवन कारागृह में डाल देना चाहिए !

आम आदमी पार्टी छोड कर भाजपा में आने पर हम सभी प्रकरणों को वापस ले लेंगे !

देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि, यह प्रस्ताव बीजेपी की ओर से आया है !

चुनावों में बिनामूल्य बस्तु देने का आश्वासन देना यह गंभीर बात ! – उच्चतम न्यायालय

चुनाव आयोग को अब ऐसे आश्वासन देने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए !

‘भगत सिंह एक आतंकवादी था !’

पंजाब में खालिस्तानी विचारधारा वाले सिख नेता अब सार्वजनिक रूप से इस प्रकार के वक्तव्य दे रहे हैं। यह अगामी बहुत बडे संकट की चेतावनी है । केंद्र सरकार को इस पर त्वरित ध्यान देकर कडी कार्रवाई करने की नितांत आवश्यकता है !

नाले की शिकायत करनेवाले नागरिकों की आम आदमी पार्टी के विधायक ने की पिटाई

यह है आम आदमी पार्टी का असली स्वरूप ! यह स्पष्ट होता है कि जनता के आंदोलन से बना पार्टी भी अन्य राजनीतिक दलों की तरह जनताद्रोही ही है !

रास्तों के बीचोंबीच मजारें बनाई जाएंगी, तो सभ्य समाज वहां कैसे रहेगा ?

न्यायालय को सरकार के कान ऐंठने के साथ ऐसे निर्माण कार्य को सहमति देनेवालों पर भी कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसी जनता की अपेक्षा है !

दिल्ली में निजी विद्यालयों के अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों का विद्यालय शुल्क माफ !

अल्पसंख्यकों की चापलूसी करनेवाली आप सरकार !

उत्तरप्रदेश में आम आदमी पार्टी, रा.स्व.संघ की भांति १० सहस्र शाखाएं आरंभ करेगी !

एक पत्रकार परिषद में ‘आप’ के सांसद एवं उत्तरप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष संजय सिंह ने जानकारी दी कि ‘‘भाजपा देश में द्वेष की राजनीति को प्रोत्साहन दे रही है ।

हरीश सिंगला, शिवसेना (बाल ठाकरे) के कार्यकारी अध्यक्ष, बंदी बनाए गए !

खालिस्तान का विरोध करने वालों पर पुलिस कार्रवाई करती है, किन्तु जो लोग खालिस्तान का समर्थन करते हैं, उनके विरोध में वे कार्रवाई नहीं करते हैं ! इससे इस आरोप की पुष्टि होती, है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार खालिस्तान समर्थक है !

भ्रष्टाचारियों को निवृत्तिवेतन किसलिए ?

शासकीय कामकाज में काम निकृष्ट हो गया, तो ठेकेदार का नाम काली सूची में डाल दिया जाता है । फिर जनता के काम न किए हों, तो क्या उन जनप्रतिनिधियों के कामों का मूल्यांकन नहीं करना चाहिए ? उनके कामों के मूल्यांकन पर ही उनका वेतन और निवृत्तिवेतन निश्चित करना चाहिए ।