‘भाग्यनगर में श्री दुर्गादेवी की मूर्ति को तोडनेवाली मुसलमान महिला मनोरोगी !’ – पुलिसकर्मियों का दावा
यदि ये महिलाएं मनोरोगी हैं, तो उन्हें हिन्दू तथा सिक्खों की धार्मिक मूर्तियों को ही तोडने की बुद्धि कैसे आती है ? वे मस्जिद में अथवा मुसलमान की कब्रों पर जाकर वहां तोडफोड क्याें नहीं करतीं ? क्या पुलिसकर्मी इसका उत्तर देंगे ?