तालिबान की ओर से मंत्रीमंडल का शपथ विधि कार्यक्रम रद्द !

तालिबान ने पैसों का अपव्यय टालने के लिए कितना भी प्रयास किया, तो भी विश्व समुदाय को बहिष्कार करने पर तालिबान को पैसों के लिए विश्व के सामने हाथ फैलाने पडेंगे, यह निश्चित ही है !

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मुख्यमंत्री पद का त्यागपत्र दिया !

रूपाणी ने राज्यपाल से भेंट की और उन्हें अपना त्यागपत्र सौंपा। इस बात की जानकारी स्वयं  विजय रूपाणी ने पत्रकार परिषद में दी।

हरियाणा में, छठी से दसवीं कक्षा के छात्रों के इतिहास के पाठ्यक्रम में सरस्वती नदी समावेश होगा !

हरियाणा के भाजपा सरकार का बधाई के पात्र निर्णय ! हिन्दू अपेक्षा करते हैं कि, छात्रों को सरस्वती नदी एवं कुरुक्षेत्र का आध्यात्मिक महत्व भी सिखाया जाएगा !

(कहते हैं) ‘चूंकि मैं एवं मेरा परिवार कश्मीरी पंडित हैं, मैं मेरे बंधुओं की सहायता करूंगा !’ – राहुल गांधी

राहुल गांधी का यह वक्तव्य कश्मीरी हिन्दुओं के घावों पर नमक छिडकने जैसा है । यदि कांग्रेस एवं गांधी परिवार को वास्तविक रूप से कश्मीरी हिन्दुओं के लिए कुछ करना था, तो वे कब का कर चुके होते ।

अफगानिस्तान से व्यापार करते समय पाकिस्तानी मुद्रा का प्रयोग करेंगे ! – पाकिस्तान

इसका अर्थ अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था स्वयं के अधिकार में लेने का प्रयास पाक करेगा, ऐसा ही होता है ! पाक का यह दांव विश्व समुदाय कब पहचानेगा ?

कागज की लुग्दी की मूर्तियों के संबंध में ‘राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण’ के प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन !

कागज की लुग्दी की मूर्ति बेचने वाले ‘अमेजॉन’, ‘फ्लिपकार्ट’, ‘इंडिया मार्ट’ इस वेबसाइट के विरोध में पुलिस में शिकायत
हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों की ओर से कार्यवाही की मांग

केरल की ईसाई लडकियां ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ के जाल में फंस रही है !

हिन्दुओं के धर्म गुरू और नेताओं द्वारा इसे जिहाद का विषय बोलने पर उन्हें धर्मविरोधी कहकर टिप्पणी करने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी अब चुप क्यों है ?

तालिबान को सहायता करने वाले पाक को इसका परिणाम जल्द ही भोगना पडेगा ! – ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद

अफगानिस्तान की स्थिति सुधारने के लिए भारत और ईरान को एकत्र आने की आवश्यकता

(कहते हैं) ‘मंत्री-स्तरीय पद नहीं, केवल बच्चों को जन्म देना, यही महिलाओं का काम है !’ – तालिबान

भारत के महिला संगठन, मानवाधिकार संगठन, आदि तालिबान के विरुद्ध मुंह क्यों नहीं खोलते अथवा क्या वे सोचते हैं कि तालिबान जो कर रहा है वह उचित है