(कहती हैं) ‘हिन्दुत्वनिष्ठों को समाज में दूरी उत्पन्न कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करनी है !’ – डॉ. दीपा सुंदरम्, डेन्वर विश्वविद्यालय, अमेरिका
हिन्दूविरोधी अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन परिषद का तीसरा दिन !
हिन्दूविरोधी अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन परिषद का तीसरा दिन !
इसे कहते हैं ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे !’
हिन्दुओं की संस्कृति और हिन्दुओं का साहस तोडने का आतंकियों का राजनीतिक लक्ष्य है । उन्हें भारत के मुलभूत आधार को ही खोखला बनाना है ; इसलिए, भारत को आतंकियों की मांगों के सामने कभी घुटने नहीं टेकने चाहिएं ।
भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषध के (आई.सी.एम.आर. के) पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर का दावा !
भारत को पहली सूची सितंबर २०१९ में और दूसरी सूची सितंबर २०२० में, स्विस बैंक से ‘ऑटोमॅटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन’ (‘सूचना के स्वचालित आदान-प्रदान’) के माध्यम से मिली थी ।
अन्य समय में ‘अल्पसंख्यकों को समान दर्जा दें’, ऐसी मांग करने वाले आधुनिकतावादी और धर्मनिरपेक्षतावादी ऐसा कानून बनाने की मांग क्यों नहीं करते ?
अब तो केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप कर विश्वभर के हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगी क्या ?
यदि ऐसी धमकियां दी जाती हैं, तो अपने आप को प्रगतिशील कहनेवाले, संबंधित अधिकारियों से उनके विरुद्ध शिकायत क्यों नहीं करते ? या किसी ने धमकी दी है, तो उसका नाम क्यों नहीं बताते ! ध्यान दें, कि इस तरह के वक्तव्य हिन्दुओं को केवल कलंकित करने के लिए दिए जा रहे हैं !
बिशप द्वारा सीधे धर्मांधों पर टिप्पणी करने से उन्हें मिरची लगी है और उन्होंने विरोध करना चालू किया है ! इसे कहते हैं ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे !’
भारत सरकार ने उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किया प्रतिज्ञापत्र