केरल की ईसाई लडकियां ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ के जाल में फंस रही है !

कैथोलिक बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट का दावा

  • केरल में हिन्दू और ईसाई लडकियों के लव जिहाद में फंस कर धर्मांध युवकों के माध्यम से इस्लामिक स्टेट में भरती होने की घटनाएं सामने आई हैं । इस कारण बिशप का यह दावा कोई भी नकार नहीं सकता । इस विषय में अब केरल में ही नहीं, तो संपूर्ण देश के ईसाईयों को इसका विरोध करना चाहिए और उस पर लगाम लगाने के लिए प्रयास करने चाहिएं ! – संपादक

  • हिन्दुओं के धर्म गुरू और नेताओं द्वारा इसे जिहाद का विषय बोलने पर उन्हें धर्मविरोधी कहकर टिप्पणी करने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी, आधुनिकतावादी अब चुप क्यों है ? – संपादक
कॅथॉलिक बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट

कोट्टायम (केरल) – केरल राज्य की ईसाई लडकियां ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ (नशीले पदार्थों की आदत लगवाकर लड़कियों का जीवन बरबाद करना) के जाल में फंस रही हैं । बिना हथियारों के प्रयोग के धर्मांध युवकों द्वारा अन्य धर्मों की लड़कियों का जीवन बरबाद करने के लिए ‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ जैसे मार्ग का प्रयोग किया जा रहा है, ऐसा दावा बिशप (चर्च में उच्च श्रेणी पर कार्य करने वाले पादरी) मार जोसेफ कल्लारनगट्ट ने किया है । कोट्टायम जिले के कुरूविलंगड में चर्च के एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने यह दावा किया । बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट  सायरो मालाबार चर्च से संबंधित हैं ।

बिशप मार जोसेफ कल्लारनगट्ट द्वारा बताए गए सूत्र

‘लव जिहाद’ द्वारा अन्य धर्मों की युवतियों का आतंकवाद के लिए प्रयोग !

‘लव जिहाद’ में गैर मुसलमान युवतियों को विशेषकर ईसाई समुदाय की लडकियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन किया जाता है, साथ ही उनका यौन शोषण किया जाता है । जिहादी आतंकवाद जैसे विध्वंसक कामों के लिए उनका प्रयोग किया जाता है । ऐसे जिहादियों के विरोध में अन्य समाज के लोगोें को जागरुक होने की आवश्यकता है ।

केरल जिहादी आतंकवादियों का भरती केंद्र !

केरल  जिहादी आतंकवादियों के लिए एक भरती केंद्र  बनने का, साथ ही राज्य के अनेक ईसाई और हिन्दू युवतियों का बल पूर्वक धर्म परिवर्तन कर उनको अफगानिस्तान के शिविरों में भेजा जाता है । इस मामले की गंभीरता से जांच होना आवश्यक है ।

‘लव जिहाद’ और ‘नार्कोटिक जिहाद’ नकारने वालों का स्वार्थ हो सकता है !

कुछ राजनीतिक नेता, सामाजिक और सांस्कृतिक नेता, साथ ही पत्रकारों का ‘केरल राज्य में ‘लव जिहाद’ तथा ‘नार्कोटिक जिहाद’ जैसी कोई भी बात अस्तित्व में नही’, ऐसा कहना है । वे वास्तविकता से आंखे मूंद रहे हैं । इसके पीछे उनका स्वार्थ हो सकता है ।

बिशप के दावों का ‘केरल सुन्नी फेडरेशन’ का विरोध

(कहते हैं) ‘धार्मिक फूट डालना यही बिशप द्वारा किए दावों का उद्देश्य !’

जो सत्य है, वह बताने पर इस्लामी संगठनों को मिरची लगेगी ही ! केरल में कम्यूनिस्टों की सरकार होने से वे इस जिहाद की जांच नहीं करेंगे; इसलिए केंद्र सरकार को आगे आकर बिशप के दावों की जांच कर सत्य को देश के सामने रखना चाहिए और धर्मांधों का और उनके संगठनों का मुंह बंद करना चाहिए, ऐसा राष्ट्रप्रेमियों को लगता है ! – संपादक

केरल में धार्मिक फूट डालना, यही बिशप द्वारा किए दावों का उद्देश्य है । मुसलमान समुदाय को लक्ष्य बनाने वाले इन आरोपों को बिशप को साक्ष्य देकर सिद्ध करना चाहिए । राज्य शासन द्वारा बिशप के आरोप को गंभीरता से लेकर समाज में फूट डालने की साजिश रचने के मामले में उनके ऊपर कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसी मांग ‘केरल सुन्नी फेडरेशन’ की ओर से की गई है ।