हिन्दुओं की धार्मिक संस्थाओं में केवल हिन्दुओं को नौकरी देने का नियम होते हुए भी मुसलमान युवकों की नौकरी के लिए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका

कितने हिन्दू मुसलमानों की धार्मिक संस्थाओं में नौकरी के लिए अरजी लगाते हैं और उनको नौकरी दी जाती है ? नौकरी ना दिए जाने पर कितने हिन्दू इस प्रकार से न्यायालय में जाकर जवाब मांगते हैं ?

कांचीपुरम (तमिलनाडु) के एक चर्च की पाठशाला में, ईसाई शिक्षक ने विभूति एवं रुद्राक्ष पहनकर आने वाले छात्रों को पीटा !

तमिलनाडु में नास्तिकवादी द्रमुक सरकार होने के कारण, उससे हिन्दुओं को न्याय मिलने की संभावना नहीं है । ऐसी घटनाएं स्थायी रूप से रोकने के लिए, सर्वदूर के हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए दृढ संकल्प करना चाहिए !

तमिलनाडु के मंदिरों की १ सहस्र करोड रुपए मूल्य की भूमि, ४ माह में अतिक्रमण मुक्त !

इतने वर्षों से मंदिरों की भूमियों पर अतिक्रमण होने देने वाले तथा उसके कारण मंदिरों को लाखों करोड रुपए की हानि पहुंचाने वालों को आजीवन कारागृह में डालना चाहिए !

मंदिरों की भूमि अधिग्रहित करनेवालों को ‘गुंडा कानून’ के अंतर्गत बेडियां पहनाएं !

मंदिरों के धन का अनुचित उपयोग करना भी एक अपराध ही है । राज्य सरकार को इस विषय में संबंधित लोगों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट कर अभियोग चलाना चाहिए ।

तमिल भाषा, देवताओं से जुडी होने के कारण, पूजा करते समय उसका प्रयोग किया जाना चाहिए ! – मद्रास उच्च न्यायालय 

तमिल विश्व की प्राचीन भाषा है । यह ईश्वरीय भाषा भी है । तमिल भाषा का जन्म भगवान शिव के डमरू से हुआ था ।पौराणिक कथा के अनुसार, शिव ने प्रथम अकादमी (प्रथम तमिल संगम) की अध्यक्षता की थी । शिव ने तमिल कवि के ज्ञान का परीक्षण करने के लिए थिरुविलयादल, यह खेल भी खेला । अर्थात्, तमिल भाषा देवताओं से जुडी हुई है ।

(कहते हैं) तमिलनाडू के मंदिरों का सोना बैंकों में रखकर, उससे मिलनेवाले ब्याज की राशि का उपयोग मंदिरों के मौलिक सुविधाओं के लिए किया जाएगा !’ – पी.के. सेकरबाबू

मस्जिदों और चर्च का सरकारीकरण कर, उससे प्राप्त धन का उपयोग मौलिक सुविधाओं के लिए करने का विचार धर्मनिरपेक्ष सरकारों द्वारा क्यों नहीं किया जाता ? क्या द्रमुक की सरकार इसका उत्तर देगी ?

गैर-ब्राह्मणों की नियुक्ति करते समय, पूर्व पुजारियों को नहीं हटाया जाएगा ! – द्रमुक सरकार

आगम शास्त्र का अध्ययन करनेवाला ब्राह्मण बन जाता है । वर्णाें की अवधारणा को जानने के लिए गीता का अध्ययन करें । भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार, वर्ण जाति के आधार पर नहीं, गुणों पर आधारित हैं ।

मल्लपुरम (तमिलनाडु) में, श्री थलसायाना पेरुमल के प्राचीन मंदिर के सानिध्य में शौचालय बनाने का षड्यंत्र !

तमिलनाडु में मनमानी से मंदिरों के संबंध में निर्णय लेने वाली द्रमुक सरकार का निषेध । तमिलनाडु में हिन्दुओं को इसके विरोध में संगठित होकर संवैधानिक मार्ग से लडना चाहिए !

(कहते हैं) ‘गैर-ब्राह्मणों की नियुक्ति करते समय, पूर्व पुजारियों को नहीं हटाया जाएगा एवं यदि कहीं पर ऐसा किया गया, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी !’ –  द्रमुक सरकार

तमिलनाडु सरकार द्वारा मंदिरों में गैर-ब्राह्मण पुजारियों की नियुक्ति का प्रकरण !

‘पिंजरे के तोते’ (सी.बी.आई.) को बेडि़यों से मुक्त करें ! – मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से केंद्र सरकार को आदेश

मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच विभाग को अर्थात सी.बी.आई. को ‘पिंजरे का तोता’ कहते हुए ‘इस तोते’ को (सी.बी.आई.को) केंद्र सरकार को उसकी बेडि़यों से मुक्त करना चाहिए’, ऐसा आदेश दिया है ।