गैर-ब्राह्मणों की नियुक्ति करते समय, पूर्व पुजारियों को नहीं हटाया जाएगा ! – द्रमुक सरकार

  • द्रविड मुनेत्र कलघम की सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार किसने दिया ? क्या सरकार ने चर्चों और मस्जिदों में ऐसी नियुक्तियां की होतीं ? – संपादक

  • द्रमुक के हिन्दू विरोधी और ब्राह्मण विरोधी होने के कई उदाहरण हैं ! – संपादक

  • केवल हिन्दू धर्म के अध्ययन करनेवाले धर्माधिकारी एवं संतों को ही यह निश्चित करने का अधिकार है कि मंदिरों में किसे नियुक्त किया जाए । – संपादक
मुख्यमंत्री एम्.के. स्टॅलिन

     चेन्नई (तमिलनाडु) – द्रविड मुनेत्र कळघम के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, तमिलनाडु के मंदिरों में गैर-ब्राह्मण पुजारियों की नियुक्ति के निर्णय ने विवाद खडा कर दिया है । स्टालिन ने विधायिका से कहा, हमने यह निर्णय सामाजिक न्याय देने की दृष्टि से किया है । सभी जातियों के नए पुजारियों की नियुक्ति के समय मंदिर में वर्तमान में सेवा कर रहे किसी भी पुजारी को हटाया नहीं जाएगा और यदि ऐसा कोई पाया जाता है, तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी । (२०.८.२०२१)

वर्ण जाति के आधार पर नहीं, योग्यता के आधार पर होते हैं ! – डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी

डॉ सुब्रह्मण्यम् स्वामी

आगम शास्त्र का अध्ययन करनेवाला ब्राह्मण बन जाता है । वर्णाें की अवधारणा को जानने के लिए गीता का अध्ययन करें । भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार, वर्ण जाति के आधार पर नहीं, गुणों पर आधारित हैं ।