कांचीपुरम (तमिलनाडु) के एक चर्च की पाठशाला में, ईसाई शिक्षक ने विभूति एवं रुद्राक्ष पहनकर आने वाले छात्रों को पीटा !

माता-पिता ने मुख्यमंत्री स्टालिन से शिकायत तथा कार्यवाही की मांग की !

तमिलनाडु में नास्तिकवादी द्रमुक सरकार होने के कारण, उससे हिन्दुओं को न्याय मिलने की संभावना नहीं है । ऐसी घटनाएं स्थायी रूप से रोकने के लिए, सर्वदूर के हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए दृढ संकल्प करना चाहिए ! – संपादक

प्रतिकात्मक छायाचित्र

कांचीपुरम (तमिलनाडु) – कांचीपुरम में, १० वीं कक्षा के छात्र किरुबाकरण एवं किरुबानंदन को ईसाई शिक्षक जॉयसन ने गले में रुद्राक्ष पहनने एवं माथे पर विभूति लगाने के लिए, अपशब्द बोलते हुए मारपीट की । इस संदर्भ में, इन छात्रों के अभिभावकों ने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की है । यह घटना चर्च द्वारा चलाए जा रहे शासकीय अनुदान प्राप्त एंडरसन उच्च माध्यमिक शाला में हुई । (सरकारी अनुदान पर चलने वाली ऐसी पाठशालाओं को मिलने वाला अनुदान, शासन द्वारा निरस्त करने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को पहल करनी चाहिए ! – संपादक) वर्ष २०१७ में भी जॉयसन ने हिन्दू छात्रों को इस प्रकार पीटा था । उस समय उन्हें बंदी भी बनाया गया था । (एक बार बंदी बनने के पश्चात भी, इस शिक्षक की मानसिकता बिल्कुल परिवर्तित नहीं हुई है । साथ ही, उसे पाठशाला से भी नहीं निकाला गया है । इससे यही स्पष्ट होता है, कि चर्च संचालित पाठशालाओं में इन शिक्षकों को हिन्दू धार्मिक परंपराओं का विरोध करने के लिए कहा जाता होगा ! इसलिए, हिन्दुओं को अपने बच्चों को ऐसी पाठशालाओं में शिक्षा लेने के लिए न भेजना ही उचित होगा ! – संपादक)