मैसूर (कर्नाटक) में अज्ञात लोगों द्वारा चर्च में तोडफोड
मैसूर के पेरियापाटना भाग के सेंट मेरी चर्च में २७ दिसंबर को अज्ञात लोगों ने तोडफोड की ।
मैसूर के पेरियापाटना भाग के सेंट मेरी चर्च में २७ दिसंबर को अज्ञात लोगों ने तोडफोड की ।
‘अपनी बेटियों को बचाएं, उन पर उचित संस्कार करें’, इस समय उन्होंने हिन्दुओं को ऐसा आवाहन भी किया ।
दत्तपीठ हिन्दुओं का स्थान है तथा मुसलमान उसे हडपने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं । अब राज्य की भाजपा सरकार ने उसे आधिकारिक रूप से हिन्दुओं के नियंत्रण में सौंपने का प्रयास करना चाहिए, यही हिन्दुओं की भावना है !
हिन्दू संगठनों की मांग सफल हुई ।
टीपू सुल्तान के कारण कहा जाता था ‘सलाम आरती’ !
करतगी गांव के रामनगर में बलपूर्वक धर्मांतरण के प्रकरण में पादरी सहित तीन लोगों के विरुद्ध याचिका प्रविष्ट कराई गई है ।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक मुसलमान दंपत्ति द्वारा जन्म से पूर्व एक हिन्दू दंपत्ति की पुत्री को गोद लेने की याचिका को अस्वीकार कर दिया । न्यायालय ने कहा कि इस प्रकार के प्रकरण के लिए कोई कानून नहीं है । ऐसा प्रकरण कानून के लिए भी नया है ।
बच्चों पर संस्कार करने के लिए अभिभावक उनको विद्यालय में भेजते हैं; लेकिन वे वहां क्या करते हैं, यह इस घटना से ध्यान में आता है । घर, विद्यालय और समाज में बच्चों पर योग्य संस्कार होने के लिए प्रयास करने के लिए वहां वैसा वातावरण भी निर्माण करने की आवश्यकता है !
किसी भी भारतीय नागरिक की धार्मिक पहचान पर छींटाकशी करना सर्वथा अनुचित है । भले ही ऐसा हो, तो भी इस देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं प्रतिदिन पैरों तले कुचली जाती हैं, साथ ही उनके विरुद्ध प्राणघातक आदेश निकाले जाते हैं ।
भाजपा सरकार के शासनकाल में शासकीय विद्यालय में इस तरह से कब्र लाने का साहस कैसे हुआ और स्कूल के प्रधानाध्यापक और शिक्षक कैसे कुछ नहीं बता रहे हैं ? ऎसे प्रश्नों का हिन्दुऒऺ के मन में उठना स्वाभाविक है !
‘देश में मुसलमान असुरक्षित हैं’, निधर्मीवादी एवं आधुनिकतावादी ऐसा बोलते हैं; परंतु वास्तव में उनके लोग जिहादी आतंकवादी गतिविधियां करते हैं, हिन्दुओं की बेटियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनकी हत्या करते हैं, हिन्दुओं का सिर काट देते हैं, क्या वे कभी इस पर बोलेंगे ?