उडुपी (कर्नाटक) – यहां जिहादी आतंकवादी कसाब से मुसलमान छात्र की तुलना करने के प्रकरण में ‘मणिपाल इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी’ के शिक्षक को निलंबित किया गया है । शिक्षक ने छात्र से उसका नाम पूछा । नाम बताने पर शिक्षक ने कहा ‘अरे !. तुम कसाब जैसे हो ।’ इस पर छात्र बहुत ही क्रोधित हो गया ।
शिक्षक एवं मुसलमान छात्र के मध्य हुआ संभाषण !
१. शिक्षक के ‘कसाब’ की प्रतिक्रिया पर छात्र ने कहा, ‘‘२६/११ कोई मनोरंजन का विषय नहीं है । इस देश में मुसलमान होना और ऐसी बातें प्रतिदिन सुनना, कोई चुटकुला नहीं है । आप मेरे धर्म पर टीका-टिप्पणी नहीं कर सकते और वह भी इस प्रकार निंदनीय पद्धति से ! यह हास्य नहीं है ! (कितने हिन्दू छात्रों में इस मुसलमान छात्र की भांति धर्माभिमान है ? इसका भान रहे कि हिन्दुओं में बसी धर्माभिमान-शून्यता के कारण ही आज भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में कहीं भी हिन्दुओं का कोई मूल्य नहीं है ! – संपादक) (२६ नवंबर २००८ को मुंबई में विविध स्थानों पर हुए आतंकवादी आक्रमणों में १६६ लोगों की मौत हुई थी । उस समय सुरक्षा तंत्र ने ‘कसाब’ नामक पाकिस्तानी आतंकवादी को बंदी बनाया था ।)
२. तब शिक्षक ने उस मुसलमान छात्र को कहा, ‘तुम मेरे बेटे के समान हो !’
३. इस पर छात्र ने पूछा, ‘यदि मैं आपके बेटे के समान हूं, तो क्या आप अपने बेटे को आतंकवादी के नाम से पुकारेंगे ? वह भी इतने लोगों के सामने ? शिक्षक होना आपकी जीविका है ।’ तदुपरांत शिक्षक ने उससे क्षमा मांगी ।
४. तब छात्र ने कहा, ‘क्षमा मांगने से न आपकी विचारधारा में परिवर्तन आएगा, न ही आपके व्यवहार में ! (हिन्दू छात्रों, क्या ऐसा धर्माभिमान आपमें है ?, अंतर्मुखता से इस पर विचार करें ! – संपादक)
भारी मात्रा में इस संभाषण का वीडियो प्रसारित होने के पश्चात संस्था ने शिक्षक को निलंबित कर दिया तथा इस प्रकरण की जांच हो रही है । संस्था ने कहा है कि हम ऐसा व्यवहार करनेवालों को क्षमा नहीं करते ।
संपादकीय भूमिकाकिसी भी भारतीय नागरिक की धार्मिक पहचान पर छींटाकशी करना सर्वथा अनुचित है । भले ही ऐसा हो, तो भी इस देश के बहुसंख्यक हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं प्रतिदिन पैरों तले कुचली जाती हैं, साथ ही उनके विरुद्ध प्राणघातक आदेश निकाले जाते हैं । तब भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखाई देती, यह एक कडवा सत्य है ! |