कर्नाटक में ‘सलाम आरती’ को अब ‘संध्या आरती’ संबोधित किया जाएगा !

  • हिन्दू संगठनों की मांग सफल हुई ।

  • टीपू सुल्तान के कारण कहा जाता था ‘सलाम आरती’ !


मेलकोटे (कर्नाटक) – यहां के ऐतिहासिक चालुवनारायण स्वामी मंदिर के साथ अनेक मंदिराें में टीपू सुलतान के समय से संध्या की आरती के समय होनेवाली आरती को ‘सलाम आरती’ कहा जाता था । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने इस आरती का नाम परिवर्तित करने की मांग की है । इसलिए अब उसे ‘संध्या आरती’ संबोधित किया जाएगा । राज्य के धर्मादाय विभाग ने इसे सहमति दी है । गत ६ माह से यह विषय इस विभाग में प्रलंबित था । अब मुख्यमंत्री बसवराज बोम्माई की ओर से अंतिम सहमति मिलना शेष है । इन संगठनों ने राज्य सरकार से टीपू सुलतान के नाम से की जानेवाली विधि समाप्त करने की मांग की थी । कहा जाता है कि टीपू सुलतान ने इस मंदिर को भेंट दी थी । इसलिए आरती को ‘सलाम आरती’ नाम दिया गया था ।

१. कर्नाटक धार्मिक परिषद के सदस्य कशेकोडी सूर्यनारायण भट ने कहा, ‘सलाम’ शब्द टीपू ने दिया था, यह हमारा नहीं है ।

२. भट के मतानुसार कुक्के में स्थित श्री सुब्रह्मण्य मंदिर, पुत्तूर के श्री महालिंगेश्वर मंदिर, कोल्लूर के मुकांबिका मंदिर तथा अन्य कुछ प्रसिद्ध मंदिराें में ‘सलाम आरती’ होती है । मंड्या जिला प्रशासन ने ‘हिन्दू धार्मिक संस्था तथा धर्मादाय विभाग’ को नाम में परिवर्तन करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था ।

पूर्व में जो प्रचलित था, हमने वही वापस लाया ! – मंत्री शशिकला जोल्ले

इस विषय में धर्मादाय विभाग की मंत्री शशिकला जोल्ले ने कहा कि ये पारसी नाम परिवर्तित कर ‘मंगला आरती नमस्कार’ अथवा ‘आरती नमस्कार’ समान पारंपारिक संस्कृत नाम स्थायी रखने का प्रस्ताव तथा मांगें थीं । इतिहास को देखते हुए जो प्रचलित था, उसे हमने वापस लाया है ।

संपादकीय भूमिका

ऐसी मांग हिन्दू संगठनों को क्याें करनी पडी ? सरकार को स्वयं आगे आकर इसमें परिवर्तन करना चाहिए था, हिन्दुओं को ऐसा ही प्रतीत होता है !