इस्‍लामिक रेजिस्‍टेंस कौन्‍सिल नामक आतंकवादी संगठन ने लिया मंगलुरू के बमविस्‍फोट का दायित्‍व !

‘इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल’ ने लिया बमविस्‍फोट का दायित्‍व

मंगलुरू (कर्नाटक) – यहां कुछ दिन पूर्व रिक्‍शा में हुए बमविस्‍फोट का दायित्‍व ‘इस्‍लामिक रेजिस्‍टेंस कौन्‍सिल (आइ.आर.सी.) नामक जिहादी आतंकवादी संगठन ने लिया है । अतिरिक्‍त पुलिस संचालक आलोक कुमार ने कहा कि हम इसकी वास्तविकता जांच कर रहे हैं ।

१. सामाजिक माध्‍यम से पोस्‍ट प्रसारित कर इस आतंकवादी संगठन ने कहा है कि हम, इस्‍लामिक रेजिस्‍टेंस कौन्‍सिल संदेश देना चाहते हैं कि हमारे भाई मुहम्मद शारिक ने मंगलुरू में भगवा आतंकवादियों के अड्डे कादरी में हिन्दुत्‍व मंदिर पर आक्रमण करने का प्रयास किया । वास्तव में वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सका । इसके पश्चात भी हम उसे प्रयास एवं कूटनीति की दृष्टि से एक यश मानते हैं; क्योंकि; भागते समय केंद्रीय गुप्‍तचर तंत्र हमारे भाई को ढूंढ न सका ।

२. आगे आलोक कुमार को संबोधित कर कहा गया है कि आप हमारे भाई की बंदी का आनंद कुछ दिन ही ले सकेंगे । शीघ्र ही आपको इसका फल मिलेगा । हम इसके लिए प्रतिशोध ले रहे हैं; क्योंकि हमारे धर्म के विरुद्ध खुला युद्ध घोषित किया गया है । दमन करनेवाले कानून हमें अपने धर्म में हस्‍तक्षेप करने के लिए बनाए जा रहे हैं ।

शारिक करनेवाला था रा.स्‍व. संघ के कार्यक्रम में विस्‍फोट !

शारिक का उद्देश्य था, १९ नवंबर को संघ से जुडी हुई केशव स्‍मृति संवर्धन समिति द्वारा आयोजित राज्‍यस्‍तरीय बाल उत्‍सव कार्यक्रम में विस्‍फोट करना । छात्र होने का भ्रम निर्मित कर उसने कार्यक्रम में प्रवेश करने का नियोजन किया था; परंतु कुछ समय पश्चात उसे यह योजना परिवर्तित करनी पडी । इस कार्यक्रम में लगभग १० सहस्र छात्र सहभागी हुए थे । शारिक ने स्वयं को हिन्दू होने का भ्रम उत्पन्न करने के लिए बनावटी आधारकार्ड और एक हिन्दू के नाम से सिम कार्ड क्रय किया था ।

संपादकीय भूमिका

  • आतंकवादी शारिक को बंदी बनाया, इसका प्रतिशोध लेने की धमकी !
  • ‘देश में मुसलमान असुरक्षित हैं’, निधर्मीवादी एवं आधुनिकतावादी ऐसा बोलते हैं; परंतु वास्तव में उनके लोग जिहादी आतंकवादी गतिविधियां करते हैं, हिन्दुओं की बेटियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनकी हत्‍या करते हैं, हिन्दुओं का सिर काट देते हैं, क्या वे कभी इस पर बोलेंगे ?