ChhathPooja : बंदी के विरोध में याचिका पर सुनवाई करने से देहली उच्च न्यायालय की मनाही !

छठ पूजा के कारण नहीं, अपितु कारखानों के रासायनिक पदार्थ एवंअन्य प्रदूषणकारी कचरा नदी में छोडे जाने से यमुना नदी की स्थिति अत्यंत बुरी हो गई है । इन वास्तविक कारणों पर उपाय निकालने के स्थान पर पूजा पर प्रतिबंध लगानेवाली देहली के आम आदमी पक्ष की सरकार जनताद्रोही और हिन्दूद्रोही है !

हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजरायली नागरिकों के लिए भी एक दीप जलाएं !

भारत के हिन्दू निश्चित ही ऐसा करेंगे; परंतु इसीके साथ पिछले ७ दशकों से पाकिस्तान और बांग्ला देश निवासी तथा कश्मीर के हिन्दुओं की रक्षा के लिए भी हिन्दुओं को प्रयत्न करना आवश्यक है !

RSS path sanchalan (route march) : तमिलनाडु में रा. स्व. संघ के पथ संचलन हेतु सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति

संघ को मुसलमानविरोधी कहनेवाले द्रमुक स्वयं हिन्दूविरोधी हैं, यह दर्शा रहे हैं !

देहली जगत का सर्वाधिक प्रदूषित नगर !

अच्छी बातों के लिए नहीं, अपितु बुरी बातों के लिए ही भारत की राजधानी सबसे आगे, यह लज्जाजनक है ! इसके लिए सर्वपक्षीय शासनकर्ता, प्रशासन और जनता उत्तरदायी है !

ज्ञानवापी से संबंधित मुस्लिम पक्ष की याचिका सर्वोच्च न्यायालय में निरस्त 

अंजुमन इंतेजेमिया मस्जिद कमेटी ने इस संबंध में याचिका प्रविष्ट की थी ।

दुर्घटनाग्रस्त युवक को किसी ने सहायता न करने से उसकी मृत्यु !

भारतियों में नैतिकता शेष नहीं रही है । इसीलिए अब ऐसी घटनाएं होने लगी हैं ।  राजनीतिज्ञों द्वारा जनता को नैतिकता न सिखाने का यह परिणाम है !

Delhi Meat shops : देहली में धार्मिक स्थलों से १५० मीटर अंतर तक मांस की बिक्री पर प्रतिबंध !

देहली नगर निगम का निर्णय जनसामान्य की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए !

S-400 missile defense system : भारत ने पाक एवं चीन सीमा पर तैनात किए ‘एस्-४००’ इस क्षेपणास्त्रविरोधी प्रणाली (सिस्टम) !

२ चीन सीमा पर और १ पाक सीमा पर तैनात की गई है । यह प्रणाली भारत ने रूस से खरीदी है ।

Electoral bonds : राजकीय पक्षों को मिलनेवाली राशि (डोनेशन) की जानकारी जनता को देने की आवश्यकता नहीं !

राजकीय पक्षों को मिलनेवाले चंदे (डोनेशन) की जानकारी मिलना, यह नागरिकों का मूलभूत अधिकार नहीं है । इसलिए डोनेशन की जानकारी लोगों को नहीं मिलती । ऐसा होते हुए भी ‘इलेक्टोरल बाँड’की व्यवस्था रहित भी नहीं की जा सकती, ऐसा युक्तिवाद वेंकटरमनी ने न्यायालय में किया ।