देहली नगर निगम का निर्णय जनसामान्य की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए !
नई देहली – देहली नगर निगम ने ३१ अक्टूबर को ‘मीट शॉप लाइसेंसिंग पॉलिसी’ समेत ५४४ प्रस्तावों को अनुमति दे दी। नई नीति के अनुसार किसी भी पूजा स्थल और मांस की दुकान के बीच न्यूनतम १५० मीटर की दूरी होगी। मस्जिद समिति या इमाम (मस्जिद में नमाज पढाने वाला प्रमुख) से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ प्राप्त करने के उपरांत मस्जिद के समीप मांस की बिक्री की जा सकती है; किन्तु मस्जिद के १५० मीटर के परिसर में सूअर का मांस बेचने पर कठोर प्रतिबंध है। नगर पालिका ने कहा कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
नगर पालिका ने कहा कि नई मांस दुकान अनुज्ञप्ति नीति का, पशु चिकित्सा सेवा विभाग द्वारा अधिसूचना प्रकाशित करने के उपरांत कार्यान्वयन किया जाएगा। धार्मिक स्थलों से १५० मीटर की दूरी बनाए रखने पर ही दुकानदारों को अनुज्ञप्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। यह नीति छोटी मांस की दुकानों, प्रसंस्करण इकाइयों, ‘पैकेजिंग’ या ‘भंडारण संयंत्रों’ के लिए अनुज्ञप्ति देने और नवीनीकरण के संबंध में नए नियम बनाए गए हैं। जिस के अनुसार मांस बिक्री अनुज्ञप्ति और नवीनीकरण शुल्क दुकानों के लिए १८ सहस्त्र रुपये और प्रसंस्करण इकाइयों के लिए १.५ लाख रुपये निश्चित किया गया है।अनुज्ञप्ति प्राप्त होने के उपरांत प्रत्येक ३ वर्ष में नवीनीकरण शुल्क और दंड १५ प्रतिशत बढाया जाएगा।
मांस व्यापारियों द्वारा नई अनुज्ञप्ति नीति का विरोध
मांस के व्यवसायिकों ने देहली नगर निगम की नई अनुज्ञप्ति नीति का विरोध किया है। देहली ´मीट मर्चेंट्स एसोसिएशन´ ने कहा कि पहले अवैध मांस की दुकानों को अनुज्ञप्ति के नवीनीकरण के लिए २७०० रुपये देने पडते थे। अब इसे बढाकर ७ हजार रुपये कर दिया गया है। दुकानदारों के लिए इतना भुगतान करना कठिन हो गया है। यदि नगर पालिका ने अनुज्ञप्ति नीति वापस नहीं ली तो हम इसके विरुद्ध न्यायालय में जाएंगे।
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकारें गौ हत्या पर कब प्रतिबंध लगाकर इसे कठोरता से लागू करने का प्रयास करेंगी ? |