Asaduddin Owaisi : ( और इनकी सुनिये ) ‘हिम्मत है तो आगे आओ; सावरकर जैसा कायर बनना बंद करो!’ – ओवैसी

देश की संसद में शपथ लेने के बाद ‘जय फिलिस्तीन’ जैसे देशद्रोही उद्घोषणा देने वाले वीर सावरकर का नाम लेने के योग्य है क्या ? ऐसे सांसदों की सदस्यता तत्काल निरस्त कर राष्ट्रपति को उनपर आपराधिक कार्यवाही करने का आदेश देना चाहिए!

Amartya Sen : (और इनकी सुनिए…) ‘भारत को हिन्दू राष्‍ट्र बनाने की कल्‍पना उचित नहीं !’ – वित्त विशेषज्ञ अमर्त्‍य सेन

नोबल पारितोषिक विजेता वित्त विशेषज्ञ अमर्त्‍य सेन ने वक्तव्य देते हुए कहा, ‘भारत को हिन्दू राष्‍ट्र बनाने की कल्‍पना मुझे उचित नहीं लगती ।

Sam Pitroda : भारतीयों की आलोचना करनेवाले सैम पित्रोदा की पुनः ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्‍यक्ष स्थान पर नियुक्ति

कांग्रेस के नेता के.सी. वेणुगोपाल ने परिपत्रक प्रसारित कर यह जानकारी दी है ।

Asaduddin Owaisi :असदुद्दीन औवेसी के सांसद पद को रद्द करो ! – अधिवक्ता पू. हरिशंकर जैन

संसद में फ़िलिस्तीन के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए अधिवक्ता पू. हरिशंकर जैन की राष्ट्रपति से मांग !

Arvind Kejriwal Arrest : शराब नीति घोटाला : ‘ईडी’ के बाद केजरीवाल को सीबीआई ने बंदी बनाया !

केजरीवाल के अधिवक्ता चौधरी ने इस बंदी का विरोध किया तथा कहा कि यह बंदी संविधान के अनुच्छेद २१ का उल्लंघन है।

Delhi Bulldozer Action : देहली नगर निगम में मस्जिद का अवैध हिस्सा ढहा दिया !

कार्यवाही के समय विरोध में मुस्लिमों द्वारा पथराव !

Asaduddin Owaisi Oath : असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में शपथ लेने के बाद ‘जय फ़िलिस्तीन’ तथा ‘अल्लाहु अकबर’ का किया उद्घोष!

कट्टरपंथियों की यह मानसिकता भारत के विभाजन से पहले भी थी और अब भी है; किंतु गांधीवादी हिन्दू अभी तक नहीं जागे, यह उनके विनाश का संकेत है!

E-Medical Visa : बांग्लादेश से भारत में वैद्यकीय उपचार के लिए आनेवाले लोगों के लिए शीघ्र ही ‘ई-मेडिकल वीसा’ सुविधा आरंभ होगी !

इस योजना का लाभ बांग्लादेश के हिन्दुओं को हाेगा अथवा मुसलमानों को ? हिन्दुओं को लगता है कि बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा के लिए भी सरकार को योजना लागू करनी चाहिए और देश के बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए ठोस प्रयत्न करने चाहिए !

Parliament Monsoon Session : दुबारा आपातकाल सदस्य स्थिति कोई थोप न सके, ऐसा संकल्प करें ! – प्रधानमंत्री मोदी

भारत के लोकतंत्र पर २५ जून को काला दाग लग गया था, उसे ५० वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । भारत की नई पीढी यह बात कभी भी नहीं भूल सकती, कि भारत का संविधान तब पूर्णतः अस्वीकार किया गया था ।