China’s Giant Radar System : चीन ने म्यांमार सीमा के पास स्थापित की विशाल रडार प्रणाली : भारत के लिए संकट

(शत्रु के विमानों, क्षेपास्त्रों आदि की स्थिति और गति की सटीक जानकारी देनेवाले यंत्र को ‘रडार’ कहते हैं ।)

बीजिंग – चीन ने हाल ही में म्यांमार सीमा के पास युनान प्रांत में एक नई महाकाय रडार प्रणाली स्थापित की है । यह भारत के क्षेपास्त्र कार्यक्रम के लिए संकटदायी बन गई है । ‘लार्ज फेज्ड एरे रडार (एल.पी.ए.आर.) इस उन्नत रडार प्रणाली का कार्यक्षेत्र ५ हजार किलो मीटर से अधिक है । इसके द्वारा चीन हिन्द महासागर के बड़े क्षेत्र पर तथा भारतीय जलसीमा में पर्याप्त गहराई तक निगरानी रख सकता है । चीन की इस प्रणाली का सबसे बड़ा संकट यह है कि वह इसके द्वारा भारत के बैलिस्टिक क्षेपास्त्र कार्यक्रम पर दृष्टि रख सकेगा ।

१. ‘एल.पी.ए.आर.’ यह एक अत्याधुनिक बैलिस्टिक क्षेपास्त्र की पूर्वसूचना देने वाली रडार प्रणाली है । बैलिस्टिक क्षेपास्त्र अपने साथ जैविक, रासायनिक और आण्विक अस्त्र ले जा सकते हैं । ‘एल.पी.ए.आर.’ प्रणाली को चीन की विस्तारित रक्षा प्रणाली का आधारस्तंभ माना जाता है । इस प्रणाली के करण चीन को भारत के क्षेपास्त्र कार्यक्रम पर तीक्ष्ण दृष्टि रखने की क्षमता प्राप्त हो गई है ।

२. भारत के साथ बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति के कारण चीन ने युनान प्रांत में ‘एल.पी.ए.आर.’ प्रणाली स्थापित कर ली है । यह चीन की आक्रामकता और उन्नत प्रणाली का उदाहरण है ।

३. भारत ने हाल ही में ‘अग्नि-५’ अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक क्षेपास्त्र प्रक्षेपित किया है । इससे चीन डर गया है । भारत अपना हाइपरसोनिक क्षेपास्त्र कार्यक्रम तेजी से आगे ले जा रहा है और चीन उसका भेद जानने का प्रयास कर रहा है ।

संपादकीय भूमिका 

भारत को अब प्रत्येक क्षेत्र में और रक्षा क्षेत्र में भी पहले से अधिक तैयार और सतर्क रहना पड़ेगा !