लोकतंत्र के स्थान पर (तानाशाही) एकाधिकारी सत्ता में विश्वास बनाने का चीनी प्रयास
नई देहली – चीन भारत को तोड़ने के षड्यंत्र की इक्शा से भारत विरोधी खालिस्तानी आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहा है। चीन की खुफिया एजेंसी अब चीन के लोगों को ‘खालिस्तान’ के विषय में सूचना दे रही है।
१. खालिस्तान के बारे में चीनी सोशल मीडिया ‘वीबो’ व ‘बिलिबिली’ पर सूचना प्रसारित की जा रही है। इसमें अमेरिका तथा ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थकों एवं उनके संगठनों द्वारा आयोजित रैलियों के विषय में चीनी भाषा में विवरण दिया गया है। इसके अतरिक्त इन सांठनो ने आयोजित रैली के वीडियो भी प्रसारित किए जा रहे हैं। यह प्रसार किया जा रहा है कि ‘भारत में सिख अप्रसन्न हैं तथा एक स्वतंत्र खालिस्तान की मांग कर रहे हैं’।
२. खालिस्तान के विषय में जो सोशल मीडिया अकाउंट प्रसारित हो रहे हैं, उनके ७० लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। ये सभी अकाउंट चीनी खुफिया एजेंसियों से जुड़े हैं। खुफिया एजेंसियां खालिस्तान के संदर्भ में षड्यंत्र के अंर्तगत भारत के विषय में चीन में असत्य प्रसार कर रहा हैं। वे सोशल मीडिया पर ही नहीं, अपितु राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से भी चीनियों ने भारत के विरुद्ध प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं।
३. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ भी इस संबंध में चीन की खुफिया एजेंसियों की सहयता कर रहे हैं।
४. चीन की खुफिया एजेंसी भ्रामक राष्ट्रवाद के लिए देश की जनता को खालिस्तान का यह भ्रामक प्रचार सिखा रही है, जिससे उसके देश के लोग पड़ोसी भारत और उसके लोकतंत्र को शक्तिहीन समझें। यह चीन की सत्तावादी व्यवस्था में चीनी लोगों का विश्वास बनाए रखेगा, भले ही चीनी प्रणाली बिगड़ रही है और इसके प्रति वैश्विक अविश्वास है।
संपादकीय भूमिकाभारत के शत्रु जो रणनीति में (स्मार्ट) चतुर हैं । |