Chinese Army Unfit For War : चीनी सेना युद्ध लडने के लिए सक्षम नहीं है !

अमेरिकी ‘थिंक टैंक’ ने किया दावा !

(‘थिंक टैंक’ का अर्थ है नीति निर्धारण अथवा शोध करनेवाली संस्था)

राष्ट्रपति शी जिनपिंग

बीजिंग (चीन) – चीनी कम्युनिस्ट दल का (सीसीपीच्या) सेना को शक्तिशाली बनाने का उद्देश्य सत्ता पर अपनी पकड को बनाए रखना है, किसी बाहरी शत्रु से लडना नहीं है । चीन का सत्ताधारी दल सेना को युद्ध के लिए तैयार करने के स्थान पर स्वयं सत्ता में रहने के लिए सेना में सुधार ला रहा है । ऐसे में जब ऐसी कोई स्थिति आती है, तो चीनी सेना को युद्धभूमि पर समस्याओं का सामना करना पड सकता है, ऐसा दावा अमेरिकी ‘थिंक टैंक’ ‘रैंड कॉर्प’ ने उसके ब्योरे में किया है । कुछ विशेषज्ञ इस ब्योरे में निकाले गए निष्कर्षाें से असहमत हैं । वे कहते हैं कि शी जिनपिंग ने उनका सर्वोच्च सैनिकी ध्येय स्पष्ट किया है । ताइवान को अपने नियंत्रण में लेना यह उनका लक्ष्य है तथा चीनी जनता वैसा करने के लिए तैयार है ।

इस ब्योरे के लेखक टिमोथी हीथ का तर्क यह है कि,

१. चीनी सेना राष्ट्रपति शी जिनपिंग तथा सीसीपी की सत्ता को टिकाए रखने में ध्यान केंद्रित कर रही है । चीन का सैनिकी आधुनिकीकरण सीसीपी के प्रति आकर्षण तथा विश्वसनियता बढाने की रचना है ।

२. सेना उसके प्रशिक्षण की अवधि में से ४० प्रतिशत समय राजनीतिक विषयों पर खर्च करती है । इस समय का उपयोग युद्ध में प्रभुता स्थापित करने के लिए किया जा सकता है; परंतु ऐसा नहीं है । अतः सेना आधुनिक युद्ध के लिए कितनी तैयार है, इस पर प्रश्नचिन्ह खडा होता है । सेना की टुकडियों के नेतृत्व में ऐसे राजनीतिक व्यक्तियों का समावेश है, जो लडाकू क्षमता बढाने की अपेक्षा सत्तापक्ष के प्रति निष्ठा रखने पर बल देते हैं ।

३. अमेरिका एवं चीन के मध्य पारंपरिक पद्धति के युद्ध की संभावना बहुत ही अल्प है । ‘पेंटागॉन’ के (अमेरिका के रक्षा विभाग के) योजनाकारों ने क्षेपणास्त्र एवं बम से परे चीन के कारण उत्पन्न होनेवाली विस्तृत श्रेणी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ।

४. इतिहास ने बार-बार यह दिखा दिया है कि सेना अनेक बार युद्ध में उनके उन्नत हथियारों का प्रभावशाली पद्धति से उपयोग करने में असफल सिद्ध होती है । युक्रेन में अच्छी सशस्त्र सेना को विजय प्राप्त करना संभव नहीं हुआ । चीनी सेना युद्ध में उनके पास उपलब्ध आधुनिक हथियारों का उपयोग करने में सफल रहेगी अथवा नहीं, इसके प्रति संदेह है ।

चीनी सेना में भ्रष्टाचार !

चीनी सेना को भी सैनिकों का अभाव तथा भ्रष्टाचार का सामना करना पड रहा है । हाल ही के एक ब्योरे में कहा गया है कि चीनी सेना तथा सरकार के वरिष्ठ स्तर पर चल रहे भ्रष्टाचारविरोधी अभियान के कारण शी जिनपिंग की सुरक्षा मजबूत बनाने के अभियान में बाधा उत्पन्न हो रही है । इसके कारण सेना की कार्यवाही करने की क्षमता पर बडा संकट उत्पन्न हुआ है ।

गलवान संघर्ष

संपादकीय भूमिका 

अमेरिकी थिंक टैंक का दावा कितना सच्चा है, भले ही यह अध्ययन का विषय हो, तब भी वर्ष १९६७ में तथा वर्ष २०२२ के गलवान संघर्ष में भारत की सेना ने चीनी सैनिकों को सबक सिखाया था, यह सत्य है । अतः ऐसी सेना को पराजित करना कठिन नहीं है, यह भारतीय सेना जानती है !