देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआइ का छापा !

देहली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर सहित देश के २१ स्थानों पर केंद्रीय अन्वेषण विभाग (‘सीबीआइ’) द्वारा १९ अगस्त को छापा डाला गया । देहली के उत्पादन शुल्क नीतियों की अनियमितता के आरोप पर ये छापे डाले गए ।

जबलपुर (मध्यप्रदेश) के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी के यहां मारे गए छापे में मिली आय से ६५० गुना अधिक संपत्ति !

एक अधिकारी के यहां इतनी संपत्ति मिलती है, तो अन्य अधिकारियों के पास कितनी संपत्ति होगी और देश के सभी सरकारी अधिकारियों की जांच की, तो कितनी बेहिसाब संपत्ति मिलेगी, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती !

अमरीकी नागरिकों में यूरोपीय देशाें में स्थानांतरित होने की मात्रा में वृद्धि

वर्तमान में अमरीकी नागरिक भारी मात्रा में इटली, पोर्तुगाल, स्पेन, ग्रीस, फ्रान्स जैसे यूरोपीय देशाें में स्थायिक हो रहे हैं । इन देशाें में उनकी संख्या अब ४५ प्रतिशत तक बढ गई है ।

हलाल मांस की बिक्री पर बलि चढा हुआ भारत !

हलाल प्रमाणपत्र की मुद्रा अंकित सभी वस्तुओं को खरीदना अस्वीकार कर हिन्दू भाईयों का व्यवसाय बढे, इस दृष्टि से प्रयास करने होंगे तथा आंदोलन खडा कर संगठित रूप से सरकार के पास परिवाद प्रविष्ट करना होगा ।

चीन से ऋण (उधार) लेने से पूर्व विकासशील देशों को दो बार सोचना होगा ! – बांग्लादेश के अर्थमंत्री मुस्तफा कमाल

श्रीलंका के आर्थिक दिवालियापन के पश्चात अब जागृत हुआ बांग्लादेश !

श्रीलंका के रामायण से संबंधित स्थलों के पर्यटन को प्रोत्साहन देंगे

श्रीलंका के नवनियुक्त पर्यटन दूत और पूर्व क्रिकेट खिलाडी सनथ जयसूर्या का आश्वासन

भाजपा सांसदों को उनकी पत्नियों से पूछना चाहिए कि, वे रसाईघर कैसे चलाती हैं ?

महंगाई के विषय पर भाजपा सत्ता में आई; लेकिन उनके ८ वर्षों के सत्ताकाल में महंगाई उच्च स्तर पर पहुंची है । जीवनावश्यक वस्तुओं के दाम दुगुने हो गए हैं । इस कारण गरीबों की स्थिति बिगड रही है ।

ध्यान में आया है कि चीनी प्रतिष्ठान ‘विवो इंडिया’ ने २ सहस्र २१७ करोड रुपए का राजस्व नहीं भरा !

इस प्रतिष्ठान का डुबोया राजस्व उनके द्वारा चक्रवृद्धि (संयुक्त) ब्याज से वसूल करें !

देवदर्शन हेतु श्रद्धालुओं से पैसे लेकर त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ने एक दिन में ही १० लाख रुपए अर्जित (कमाए) किए !

पैसे लेकर श्रद्धालुओं को दर्शन देना अशास्त्रीय पद्धति है ! दर्शन हेतु शुल्क आंकने के लिए मंदिर कोई मनोरंजन का स्थान नहीं है ! सरकारीकरण हुए मंदिरों
को प्रशासन ‘पैसे कमाने का साधन’ के रूप में देखता है । इसीलिए यह दुःस्थिति हुई है !