शिक्षा मुनाफा कमाने का व्यवसाय नहीं ! – उच्चतम न्यायालय

आंध्रप्रदेश सरकार के शिक्षा शुल्क बढाने के निर्णय को उच्चतम न्यायालय द्वारा स्थगिति

उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज का शिक्षा शुल्क बढाए जाने के आंध्रप्रदेश सरकार के निर्णय को स्थगिति दी

नई देहली – शिक्षा, मुनाफा कमाने का व्यवसाय न होने के कारण शिक्षा शुल्क (ट्यूशन फी) सहन करने योग्य होनी चाहिए, ऐसी टिप्पणी उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में दिए एक निर्णय में की । उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज का शिक्षा शुल्क बढाए जाने के आंध्रप्रदेश सरकार के निर्णय को स्थगिति दी ।

आंध्रप्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों का वार्षिक शिक्षा शुल्क २४ लाख रुपए तक बढाने का निर्णय लिया था । विद्यार्थियों ने सरकार के इस निर्णय को आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी । इस प्रकरण की सुनवाई करते समय उच्च न्यायालय ने ‘शुल्क नियामक समिति’ की सिफारिश के बिना शुल्क नहीं बढा सकते ,ऐसा स्पष्ट करते हुए राज्य सरकार के निर्णय को स्थगिति दी । उच्च न्यायालय के इस निर्णय के विरोध में सरकार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । इस पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एम.आर.शाह और न्यायाधीश सुधांशु धुलिया की दो सदस्यीय खंडपीठ ने पहले निर्धारित शुल्क को ७ गुना बढाए जाने के आंध्रप्रदेश सरकार के निर्णय को अयोग्य बताते हुए आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के निर्णय को जारी रखा ।