कोलकाता (बंगाल) – यह बात उजागर हुई है कि बांग्लादेशी महिला आलो रानी को तृणमूल कांग्रेस ने २०२१ के बंगाल विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था । यह पता चला है कि आलो रानी का नाम भारत की मतदाता सूची के साथ-साथ बांग्लादेश की मतदाता सूची में भी है । वर्ष २०१२ में आलो रानी का नाम भारत के मतदाता सूची में पंजीकृत किया गया था । उसके उपरांत, बांग्लादेश जाकर वहां की मतदाता सूची में भी अपना नाम पंजीकृत कराया । विधानसभा चुनाव में पराजित होने पर, उन्होंने कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । सुनवाई के दौरान पता चला कि आलो रानी बांग्लादेशी नागरिक है ।
१. आलो रानी ने बताया था कि उनका जन्म बंगाल के हुगली में वर्ष १९६९ में हुआ । उसने बताया कि बांग्लादेशी नागरिक से विवाह करने के उपरांत भी अपनी भारतीय नागरिकता नहीं छोडी है तथा अब अपने पति के साथ नहीं रह रही है । उनके पास पास्पोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड भारत का है तथा भूमि भी भारत में है, ऐसा उन्होंने बताया है । जांच में पता चला कि उनका जन्म भारत में नहीं हुआ है तथा वर्ष २०१२ की मतदाता सूची में उनका नाम सम्मिलित था ।
२. न्यायालय ने निर्णय सुनाया कि पास्पोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड तथा मतदाता पहचान पत्र (संज्ञानपत्र) नागरिकता की पहचान नहीं हो सकते । आलो रानी के पास बांग्लादेश का मतदाता पहचान पत्र भी मिला । उन्होंने एक स्थानीय नागरिक से विवाह भी किया है । यह स्पष्ट नहीं था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था अथवा नहीं । उनकी मां तथा भाई अभी भी बांग्लादेश में रहते हैं । भारत में दोहरी नागरिकता (दो देशों की) लागू नहीं होती है । इसलिए, उन्हें भारतीय नागरिक नहीं कहा जा सकता ।
संपादकिय भूमिका
तृणमूल कांग्रेस का अन्य देशों के नागरिकों को उम्मीदवारी देना देशद्रोह ही है ! ऐसे दलों पर कार्यवाही होनी चाहिए !