ज्ञानवापी मस्जिद के पहले दिन में ४० प्रतिशत सर्वेक्षण पूर्ण !

शेष सर्वेक्षण आज होगा !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – यहां के ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण १४ मई को सुबह ८ बजे से दोपहर १२ बजे तक किया गया । सर्वेक्षण अभी ४० प्रतिशत ही हुआ है । शेष सर्वेक्षण आज किया जाएगा । इस सर्वेक्षण का विवरण १७ मई को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा ।

सुबह सर्वेक्षण और चित्रीकरण (वीडियोग्राफी) प्रारंभ हुआ । इस अवसर पर न्यायालय आयुक्त, २ सहायक न्यायालय आयुक्त, हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता एवं पक्षकार समेत कुल ५२ लोग उपस्थित थे ।  सभी के भ्रमणभाष संच (मोबाइल) बाहर रख लिए गए थे । प्रशासन ने ज्ञानवापी क्षेत्र के ५०० मीटर के परिसर में नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी । सुरक्षा कारणों से एक किलोमीटर के क्षेत्र में १,५०० से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था ।

ज्ञानवापी के तलघर के ४ कक्ष खोले गए हैं ।

इस सर्वेक्षण में ज्ञानवापी मस्जिद के तलघर में स्थित ४ कक्ष  खोले गए । इसमें से ३ मुसलमान पक्ष एवं १ हिन्दू पक्ष का है । उनका पूर्ण रूप से चित्रीकरण किया गया है । तलघर समेत मस्जिद की पश्चिमी दीवार का चित्रीकरण किया गया । वर्षों से बंद पडे तलघर का सर्वेक्षण करने के लिए बैटरी की व्यवस्था की गई, जिसके प्रकाश में चित्रीकरण किया गया । साथ ही, ताले तोडने तथा कक्षों की स्वच्छता करने हेतु संबंधितों को ले जाया गया । विशेषतः सर्प मित्रों को भी लिया गया, क्योंकि तलघर में सांप हो सकते थे ।

अपेक्षा से अधिक मिला ! – हिन्दू पक्षकार 

न्यायालय के आदेश के अनुसार, सर्वेक्षण दल के किसी भी सदस्य ने बाहरी सामाजिक माध्यमों से सर्वेक्षण संबंधी कोई चर्चा नहीं की । न्यायालय ने कहा, “यदि  कोई जानकारी को प्रकाशित करता है, तो उस पर अभियोग लगाया जा सकता है ।” तथापि, हिन्दू पक्षों में से एक, विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा, “न्यायालय का आदेश पूरी प्रक्रिया को गोपनीय रखने का है, इसलिए हम इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते । मैं कहूंगा कि जितना सोचा गया था, उससे कहीं अधिक मिला है ।” इस समय, तलघर के कुछ ताले चाबी से खोले गए, जबकि कुछ को तोडना पडा । कुछ सर्वेक्षण के उपरांत, चारों तलघर पुन: बंद कर दिए गए ।

सर्वेक्षण में कुछ नहीं मिला ! –  मुसलमान पक्षकार 

उस समय, जब सामाजिक माध्यमों के लोगों ने मुसलमानों के अधिवक्ताओं से पूछा तो उन्होंने उत्तर दिया कि “सर्वेक्षण में कुछ भी नहीं मिला ।”