वर्ष १९७१ में पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों को ‘नरसंहार’ घोषित करें !

अमेरिका के २ सांसदों का संसद में प्रस्ताव !

पाकिस्तान में उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की मस्जिद के बाहर गोली मारकर हत्या !

पाकिस्तान के बलूचिस्तान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद नूर मेस्कनजई की एक मस्जिद के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई ।

भारत ‘जागतिक भूख निर्देशांक (वर्ल्ड हंगर इंडेक्स’) में १०१ वें स्थान से १०७वें स्थान पर फिसल गया है !

श्रीलंका, पाकिस्तान और नेपाल की स्थिति भारत से अच्छी है !

पंजाब की पाक सीमा पर पाक का ड्रोन गिरा !

बम और गोलियां बरसाकर यह ड्रोन गिराया गया । इस ड्रोन के माध्यम से पाक द्वारा नशीले पदार्थ भारत भेजे जाने का संदेह है ।

बेट द्वारका पर अवैध मजारें तथा मस्जिदें आदि का निर्माणकार्य करने के पीछे भारत की सुरक्षा के लिए संकट निर्माण करने का षड्यंत्र था !

भारत की सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण बेट द्वारका पर इस प्रकार के अवैध निर्माणकार्य होते रहने तक क्या गुप्तचर, प्रशासन तथा पुलिस विभाग शयन कर रहे थे ? यदि इस कालावधि में कोई रक्तपात(खूनखराबा) हुआ होता, तो उसके लिए कौन उत्तरदायी रहता ? इन सभी सूत्रों की जांच होनी चाहिए !

पाकिस्तान में मौलाना द्वारा हिन्दु युवक का बलपूर्वक धर्मांतरण !

पाकिस्तान के सिन्ध  प्रांत में लरकाना शहर में ९ अक्तुबर के दिन एक मौलाना ने अजय कुमार नामक एक हिन्दु व्यक्ती का बलपूर्वक धर्मांतरण किया गया है।

कश्मीर मसले पर किसी के मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं ! – भारत ने कडे तेवर दिखाए

जिहादी पाक को अब शब्दों के माध्यम से स्पष्ट करना पर्याप्त नहीं, उसे हमेशा के लिए सबक सिखाए जाने की आवश्कता है, यह भारतीय शासनकर्ता ध्यान में लेंगे क्या ?

पाकिस्तान में हिन्दू महिला का सामूहिक बलात्कार किया और मारा

पाक में हिन्दुओं पर अत्याचार होना, उनका वंशसंहार होना, अब कुछ नया नहीं है । कुछ वर्षों में वहां उपचार के लिए हिन्दू बचेंगे ही नहीं, यह भी उतना ही सत्य है । इस विषय में विश्व के हिन्दुओं को कुछ भी लेना देना नहीं है, यही वस्तुस्थिति है !

आतंकवाद के पीड़ितों के साथ उन देशों के साथ गंभीर अन्याय जो इसे नहीं पहचानते ! – भारत

यह वास्तविकता स्वीकारकर अब भारत को जिहादी आतंकवादियों का पालन-पोषण करनेवाले पाक का मटियामेट (नेस्तनाबूत) करना, यही एकमेव पर्याय है, यह भारतीय शासनकर्ताओं को कब ध्यान में आएगा ?