भारत ‘जागतिक भूख निर्देशांक (वर्ल्ड हंगर इंडेक्स’) में १०१ वें स्थान से १०७वें स्थान पर फिसल गया है !

श्रीलंका, पाकिस्तान और नेपाल की स्थिति भारत से अच्छी है !

नई दिल्ली – ‘जागतिक भूख निर्देशांक (वर्ल्ड हंगर इंडेक्स) में भारत १०१ वें स्थान से फिसलकर १०७ वें स्थान पर आ गया है । कहा जाता है कि भारत की स्थिति पाकिस्तान और नेपाल से भी खराब है । वर्ष २०२१  में घोषित आंकड़ों के अनुसार इस सूची में भारत १०१ वें स्थान पर था । इस वर्ष के आंकड़ों के अनुसार  भारत अब १२१ देशों में से १०७ वें स्थान पर है । भारत के पड़ोसी देश नेपाल (८१), पाकिस्तान (९९), श्रीलंका (६४) और बांग्लादेश (८४) हैं । सबसे नीचे यमन १२१ वें स्थान पर है, जबकि सूची में शीर्षस्त देशों में एशिया में चीन और कुवैत सम्मिलित हैं । यूरोपीय महाद्वीप के देशों को शीर्ष पर रखा गया है।

निर्देशांक कैसे निकालते हैं ?

इस सूची की घोषणा प्रति वर्ष ‘कंसर्न वर्ल्डवाइड’ और ‘वेल्थ हंगर लाइफ’ संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है । संबंधित देश में भूख से मारे जाने वाले लोगों के आंकड़ों के अनुसार, भूख की गंभीरता का आकलन इन्हीं मानदंडों के आधार पर किया जाता है । पात्रता मूल्यांकन तदानुसार किया जाता है । इन मानदंडों पर भारत का २९.१ का स्तर भारत की गिरावट का कारण बना है । यदि पात्रता मूल्यांकन ९.९ से कम है तो उस देश की स्थिति अच्छी मानी जाती है । यदि पात्रता मूल्यांकन १० से १९.९ के बीच हो तो स्थिति अच्छी मानी जाती है । २० से ३४.९ को गंभीर माना जाता है, ३५ से ४९.९ को धोकादायक माना जाता है और ५० से ऊपर को भीषण माना जाता है ।

संपादकीय भूमिका

  • कोरोना के समय श्रीलंका की आर्थिक कमर टूट गई, जबकि गत कुछ वर्षों में पाकिस्तान दिवालिया हो गया । यदि ऐसा है तो इन देशों की स्थिति ´भूख सूचकांक´ में भारत से बेहतर कैसे हो सकती है ? इसलिए भारतीय जनमानस को इस प्रतिवेदन की सत्यता पर संशय है !
  • इस प्रतिवेदन की सत्यता की पुष्टि करने के उपरांत, भारत सरकार को इस प्रतिवेदन का प्रत्युत्तर दे कर बताना होगा कि भारत में लोग वास्तव में किस सीमा तक भूख से ग्रस्त हैं !