मुसलमानों द्वारा मुसलमानों की हत्या किए जाने पर अधिकतर मुसलमान चुप बैठते हैं; परंतु अन्य धर्मियों के मारने पर वे चिढते हैं ! – बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन
इस विषय में भारत के कथित धर्मनिरपेक्षतावादियों और बुद्धिजीवियों को क्या कहना है ?
इस विषय में भारत के कथित धर्मनिरपेक्षतावादियों और बुद्धिजीवियों को क्या कहना है ?
अफगानिस्तान में हो रही गतिविधियां ‘गजवा-ए-हिन्द’ की संभावना की ओर संकेत कर रही हैं । यदि ऐसा नहीं होने देना है, तो भारत के हिन्दुओं को संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना अपरिहार्य है, यह ध्यान में रखें !
चीनी दबाव के कारण तालिबानी आतंकवादी उइगर मुसलमानों को चीन की हिरासत में देने की संभावना !
केरल चित्रपट जगत, इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा नियंत्रित है, यह आरोप भूतपूर्व ईसाई सांसद ने लगाया !
आमतौर पर भारत को धर्मनिरपेक्ष देश कहने वाले, हिन्दुओं का विरोध करने वाले निधर्मी और आधुनिकतावादी ऐसे पुलिस के विरोध में क्यों नहीं बोलते ?
जहां मुसलमान बहुसंख्यक होते हैं, वहां वे एक दूसरे को जान से मारने का प्रयास करते हैं, यही इस घटना से स्पष्ट होता है ! ऐसे समय अन्य मुसलमान इसका विरोध नहीं करते और उनके विषय में शोक व्यक्त नहीं करते हैं !
क्या हिन्दू आतंकवादी होने का एक भी उदाहरण है, मुनव्वर राणा के पास ? इसके विपरीत, मुसलमान आतंकवादी हैं, इसे प्रमाणित करने की भी आवश्यकता नहीं है !
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के (मुसलमानों के अखिल भारतीय कानून समिति के) प्रवक्ता मौलाना (इस्लामी अभ्यासक) सज्जाद नोमानी ने तालिबान का समर्थन किया है ।
अफगानी मुसलमानों के लिए मुसलमान नहीं रोएंगे, वे फिलिस्तीन मुसलमानों के लिए रोएंगे, ऐसी टिप्पणी बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट कर मुसलमानों की मानसिकता पर की है ।
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