इस विषय में भारत के कथित धर्मनिरपेक्षतावादियों और बुद्धिजीवियों को क्या कहना है ? – संपादक
नई देहली – जब मुसलमान मुसलमानों की हत्या करता है, तब अधिकतर मुसलमान चुप रहते हैं । जब अन्य धर्मीय मुसलमानों को मारते हैं, तब अधिकतर मुसलमान चिढते हैं । अफगानी मुसलमानों के लिए मुसलमान नहीं रोएंगे, वे फिलिस्तीन मुसलमानों के लिए रोएंगे, ऐसी टिप्पणी बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट कर मुसलमानों की मानसिकता पर की है ।
When Muslims kill Muslims, most Muslims are silent. When non-Muslims kill Muslims, most Muslims get furious. Muslims won't cry for Afghans, they will cry for Palestinians.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 16, 2021
इस्लाम, स्त्री-जाति से घृणा करनेवाला धर्म !
दूसरे ट्वीट में तस्लीमा नसरीन ने कहा कि तालिबान की जडें महिलाएं हैं । उनके राज्य में महिलाएं कहीं भी नहीं दिखेंगी । महिलाओं को लैंगिक गुलाम और बच्चे पैदा करनेवाली मशीन के रूप में घर पर ही रखा जाएगा । इस्लाम स्त्री जाति से घृणा करने वाला धर्म है ।
७ वीं शताब्दी के धर्मांधों समान भूमि हडपने वाले तालिबानी !
७ वीं शताब्दी में धर्मांधों ने भूमि हडपी थी । उसी के समान २१ वीं शताब्दी में तालिबान इस ढंग से भूमि पर नियंत्रण कर रहा है । ‘तालिबान के कारण आधुनिक काल में मध्ययुग’ (यूरोप में रोमन साम्राज्य के समाप्त होने के उपरांत धर्मांध उस्मान का साम्राज्य आरंभ हुआ । उसे मध्ययुग कहते हैं ।) आनेवाला है’, ऐसा ट्वीट भी तस्लीमा नसरीन ने किया है । इस कारण धर्मांधों की ओर से उसका विरोध किया जा रहा है । (१८.८.२०२१)