(कहते हैं) ‘हिन्दी मुसलमान तालिबान को सलाम करता है !’ – मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

  • तालिबान को भारत से जो कोई समर्थन कर रहा है, उस प्रत्येक पर देश द्रोह का गुनाह प्रविष्ट कर उसे तुरंत हिरासत में लेकर आजीवन कारावास में डालना चाहिए और उस संगठन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए । ऐसा न करने से ये संगठन और उसके धार्मिक नेता भारत में मदरसों से ‘तालिबानी’ (‘तालिबान’ का अर्थ ‘इस्लामी कट्टरतावाद पर विश्वास रखने वाले विद्यार्थी’, ऐसा है । ‘तालिब’ का बहुवचन ‘तालिबान ।’) निर्माण कर भारत में इस्लामी राष्ट्र लाने का प्रयास करेंगे, यह खतरा ध्यान में लेना चाहिए ! – संपादक
  • मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भारत के प्रत्येक मुसलमान की ओर से तालिबान को ‘सलाम’ किया है, यह सभी मुसलमानों को मान्य है क्या ? यदि नहीं, तो वे खुले तौर पर विरोध क्यों नही करते ? मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस वक्तव्य का विरोध नहीं कर रहे होंगे, तो ‘इस वक्तव्य को उनका समर्थन है’, ऐसा ही हिन्दुओं  को समझ में आना चाहिए और भविष्य में आने वाले संकट के लिए तैयार रहना चाहिए ! – संपादक
  • मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का सत्ताधारी भाजपा के अतिरिक्त किसी ने भी खुले तौर पर विरोध नहीं किया, यह ध्यान दें ! विरोध न करने वाली राजनीतिक पार्टियां और संगठनों के कल  भारत में ‘तालिबानी राज्य’ लाने के लिए धर्मांधों को सहायता करने पर आश्चर्य न लगे ! – संपादक
सज्जाद नोमानी

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – पुन: एकबार यह दिनांक (१५ अगस्त के दिन तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण किया) इतिहास में लिखा जाएगा । एक सशक्त  गुट (तालिबान ने) सबसे बडी सेना को मात दी । काबुल के महल में उन्होंने प्रवेश किया । काबुल में उनकी उपस्थिति संपूर्ण विश्व ने देखी । उनमें ना कोई अहं था ,ना घमंड था । उन नवयुवकों ने काबुल की धरती पर पांव रखा । उनका अभिनंदन । आपसे दूर रह रहा हिन्दी मुसलमान आपको सलाम करता है । आपके साहस को सलाम करता है । आप द्वारा किए काम को सलाम करता है, ऐसे शब्दों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के (मुसलमानों के अखिल भारतीय कानून समिति के) प्रवक्ता मौलाना (इस्लामी अभ्यासक) सज्जाद नोमानी ने तालिबान का समर्थन किया है ।

इसके पहले समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी तालिबान का समर्थन करते हुए उनको ‘भारतीय स्वतंत्रता सैनिकों समान लड़ने वाला’ कहा था । इसके बाद बर्क पर देश द्रोह का गुनाह प्रविष्ट किया गया है; लेकिन बर्क ने पलटते हुए दावा किया कि उनके विधान को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है । ‘तालिबान दूर अफगानिस्तान में है । उनसे मेरा कोई भी संबंध नहीं’, इस प्रकार का स्पष्टीकरण उन्होंने दिया है । (बर्क द्वारा किए विधान की वीडियो उपलब्ध है । उसमें उन्होंने जो विधान किए, वही प्रसारमाध्यमों ने प्रसारित की । अब कार्यवाही के डर से बर्क झूठ बोल रहे हैं । इस कारण उनपर झूठ बोलने का भी गुनाह प्रविष्ट करना चाहिए ! समाजवादी पार्टी को भी बर्क का तालिबान के समर्थन के विषय में स्वयं होकर मत जनता को बताना चाहिए। अन्यथा बर्क के समान समाजवादी पार्टी का भी तालिबान को समर्थन है, ऐसा ही हिन्दुओं को समझना चाहिए ! – संपादक)