मुसलमानों द्वारा मुसलमानों की हत्या की जाने   पर अधिकतर मुसलमान चुप बैठते हैं; लेकिन अन्य धर्मियों के मारने पर वे चिढते हैं ! बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

इस विषय में भारत के कथित धर्मनिरपेक्षतावादी और बुद्धिवादीयों को क्या कहना है ? – संपादक

बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन

नई दिल्ली – जब मुसलमान मुसलमानों की हत्या करता है, तब अधिकतर मुसलमान चुप रहते हैं । जब अन्य धर्मीय मुसलमानों को मारते हैं, तब अधिकतर मुसलमान चिढते हैं । अफगानी मुसलमानों के लिए मुसलमान नहीं रोएंगे, वे फिलिस्तीन मुसलमानों के लिए रोएंगे, ऐसी टिप्पणी बांगलादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट कर मुसलमानों की मानसिकता पर की है ।

इस्लाम , स्त्री जाति से घृणा करने वाला धर्म !

दूसरे ट्वीट में तस्लीमा नसरीन ने कहा कि, तालिबान की जडे़ं महिलाएं है । उनके राज्य में महिला कहीं भी नहीं दिखेंगी । महिलाओं को लैंगिक गुलाम और बच्चे पैदा करने वाली मशीन के रूप में घर पर ही रखा जाएगा । इस्लाम  स्त्री जाति से घृणा करने वाला धर्म है ।

७ वीं शताब्दी के धर्मांधों समान भूमि हडपने वाले तालिबानी !

७ वीं शताब्दी में धर्मांधों ने भूमि हड़पी थी । उसी के समान २१ वीं शताब्दी में तालिबान इस ढंग से भूमि पर नियंत्रण कर रहा है । तालिबान के कारण आधुनिक काल में ‘मध्ययुग’ (यूरोप में रोमन साम्राज्य के समाप्त होने के बाद धर्मांध उस्मान का साम्राज्य चालू हुआ । उसे मध्ययुग कहते हैं ।) आने वाला है’, ऐसा ट्वीट भी तस्लीमा नसरीन ने किया है । इस कारण धर्मांधों की ओर से उसका विरोध किया जा रहा है ।