अफगानिस्तान के शरणार्थी, उइगर मुसलमान भय की छाया में !

चीनी दबाव के कारण तालिबानी आतंकवादी उइगर मुसलमानों को चीन की हिरासत में देने की संभावना !

तालिबानियों का मुसलमानों से पाखंडी प्रेम ! तालिबानी कश्मीरी अथवा फिलिस्तीनी मुसलमानों के कथित मानवाधिकारों के संबंध में बात करते हैं ; परंतु, ध्यान रहे कि वे चीन के भय के कारण वहां के मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों की बात नहीं करते !– संपादक

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

नई दिल्ली – चीन के शिनजियांग प्रांत से भागकर, अफगानिस्तान में शरण लिए हुए उइगर मुसलमानों को अब एक और संकट का सामना पडेगा । चीन ने कहने पर तालिबानी आतंकवादी द्वारा इन उइगर मुसलमानों को पुनः शिनजियांग प्रांत वापस भेजने का भय व्यक्त किया जा रहा है । आशंका यह भी है, कि ऐसा करने पर ‘चीन उइगर मुसलमानों को छावनियों में रख कर उन पर अत्याचार करेगा ।’ वर्तमान में, अफगानिस्तान में २ सहस्र उइगर मुसलमान रह रहे हैं ।

अफगानिस्तान में अनेक वर्षों से रह रहे उइगर मुसलमानों को नागरिकता भी प्रदान की गई है ; परंतु, सरकारी कागजातों में उन्हें ‘चीनी शरणार्थी’ कहते हैं । जिससे उनका परिचय उजागर हो सके । तालिबान, म्यांमार एवं फिलिस्तीन में पीडित मुसलमानों के संबंध में सूत्र उठाता है ; परंतु, चीन द्वारा उइगर मुसलमानों पर किए जा रहे अत्याचारों के विषय में चुप हैं । इसलिए, तालिबान असत्य आरोप लगाकर उइगर मुसलमानों को चीन को सौंप सकता है ।